-पैसेंजर्स को नहीं भा रहा बस, ट्रेन और फ्लाइट में सफर
-प्राइवेट गाडि़यों में सफर करना कर रहे पसंद
-कोरोना वायरस की वजह से यात्रा करने से कतरा रहे लोग
GORAKHPUR:
कोरोना वायरस का खतरा पूरी दुनिया में मंडरा रहा है। ऐसे में लोग अब बस, ट्रेन और फ्लाइट में सफर करने से बच रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ज्यादातर लोग निजी वाहनों से यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। वहीं, रोडवेज बसों की जगह पर ट्रैवेल्स एजेंसियों से वाहन रिजर्व करना प्रीफर कर रहे हैं। गोरखपुर से रिजर्व गाडि़यों से डेली करीब 4500- 5000 पैसेंजर अपने गंतव्य को पहुंच रहे हैं। ट्रैवेल्स एजेंसी संचालकों का कहना है कि इस समय सुरक्षा के लिहाज से ज्यादातर छोटी लग्जरी गाडि़यों की ही बुकिंग हो रही है। जबकि बड़ी गाडि़यों की बुकिंग में काफी गिरावट आई है। दूसरी ओर, कोरोना के डर से रोडवेज के पैसेंजर्सं की संख्या गिरकर डेली दस हजार पहुंच गई है।
यात्रा के दौरान क्या रखें ख्याल
-खांसी, जुकाम और बुखार से पीडि़त किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें
-एल्कोहल युक्त सेनेटाइजर साथ रखें और लगातार अपना हाथ साफ करते रहें
-मास्क पहनें और यह सुनिश्चित करें कि नाक और मुंह हमेशा ढका रहे
-खांसते और छींकते समय बेहद सावधानी बरतें, सड़क चलते थूकें नहीं
-अपने साथ ताजा खाना रखें और बाहर खाने से बचें
-इस दौरान चिकित्सक को अपनी यात्रा और पूर्व के इलाज के बारे में अवश्य बताएं।
-बीमार जानवरों को साथ लेकर यात्रा न करें, इससे बीमारी फैल सकती है
-जानवरों के लिए बनाए गए फॉर्म या बूचड़खानों के पास जाने से बचें
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ट्रैवल्स का रेट
वाहन प्रतिकिलो मीटर
स्वीफ्ट डिजायर 9-10 रुपए प्रतिकिलो मीटर
तेरह सिटर ट्रैवलर्स-- 18 रुपए प्रतिकिलो मीटर
17 से 20 सीटर वाहन--20-21 रुपए प्रतिकिलो मीटर
इनोवा -- 12-13 रुपए प्रतिकिलो मीटर
बड़ी बस --- 45 रुपए प्रतिकिलो मीटर (टोल टैक्स, स्टेट टैक्स)
मिनी बस-- 40 रुपए प्रतिकिलो मीटर
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रोडवेज बस से आने जाने वाले पैंसजर्स-- 10000
निजी वाहनों से जाने वाले पैसेंजर्स- 4500-5000
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कोरोना वायरस की वजह से ट्रैवल्स करना काफी मुश्किल है। इसलिए सफर करने में काफी डर बना हुआ है। भीड़-भाड़ जगहों पर जाने से खतरा है।
अमर जॉय सिंह
कोरोना संक्रमण ने पूरे सिस्टम को बैठा दिया है। इस समय घर से बाहर निकलने में भी खतरा है। जहां तक सफर का सवाल है तो हर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा खुद ही करनी होगी।
संजय डीन
बस, ट्रेन और फ्लाइट आदि में सफर करना सेफ नहीं रह गया है। सफर करने से पहले लोगों को खुद ही जागरूक होने की जरूरत है। ताकि वह सुरक्षित रहे सके और दूसरों को भी इस बीमारी के खतरे से बचा सकें।
अंशु विल्सन