-सपा सुप्रीमो के आदेश के बाद शहर के सपाई असमंजस में
-जल्द ही हालात सामान्य हो जाने की जता रहे संभावना
saurabh.upadhyay@inext.co.in
GORAKHPUR: सपा की अंदरूनी रार ने शहर में भी भरपूर असर डाला है। पार्टी से सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को बाहर निकालने का फरमान आते ही शहर के सपाइयों में सन्नाटा छा गया। कभी सत्ता की शान में गुलजार रहने वाली बेतियाहाता स्थित सपा कार्यालय में शाम सात बजे ही सन्नाटा छा गया। वहीं, शहर में दिनभर पार्टी का झंडा लगाकर घूमने वाले कार्यकर्ता भी अंडरग्राउंड रहे। सब यही बोल रहे पार्टी में सब ठीक है, एक से दो दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे।
नेताओं के घरों में होती रही चर्चा
शुक्रवार शाम सात बजे के लगभग आई नेक्स्ट टीम बेतियाहाता स्थित सपा कार्यालय पहुंची तो वहां ताला लटका था। आसपास के दो लोगों से पूछने पर बताया कि पता नहीं क्यों आज इतना जल्दी ताला बंद हो गया? वहीं पार्टी के कई नेताओं के घरों पर बंद कमरे में लोग बैठकर चर्चा करते रहे। शुक्रवार दिन में भी पार्टी कार्यालय पर आने वाले नेताओं में पार्टी की चल रही गतिविधियों पर चुप्पी ही रही। इस बारे में जब सपा के एक जिला पदाधिकारी से किसी ने चर्चा की तो उन्होंने बात का रुख दूसरी तरफ मोड़ दिया।
बोलने से कतराते रहे
सपा में मची उठा-पटक का असर शहर के लोकल नेताओं के यहां भी दिखा। कई नेताओं ने अपना फोन बंद कर लिया। वहीं कुछ प्रमुख नेताओं ने शहर से बाहर होने की बात कहकर फोन काट दिया। आई नेक्स्ट रिपोर्टर आधा दर्जन से अधिक नेताओं के घर पहुंचा तो वहां भी सन्नाटा ही नजर आया। एक प्रत्याशी के घर तीन लोग मिले, जब उनसे राजनीतिक गतिविधियों के बारे में पूछा गया तो वह बोले नेताजी हैं नहीं वही कुछ बोल सकते हैं।
फिर भी है उम्मीद
इस दौरान सभी सपाइयों ने एक सुर में जल्द ही हालात सही हो जाने की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि नेता जी अभी जिंदा है, उनके रहते यह लड़ाई बहुत लंबी नहीं चलेगी। जल्द ही दोनों एक हो जाएंगे। नेता जी के साथ कार्यकर्ता हैं, हम लोग किसी के साथ नहीं है, हम समाजवादी हैं और नेता जी जो आदेश देंगे उसी का पालन होगा।
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उम्मीदवारों में भी संशय
वहीं सपा की अंदरूनी लड़ाई से पार्टी के घोषित हो चुके उम्मीदवारों में भी जबर्दस्त संशय है। अभी तक उम्मीद थी कि मुलायम और अखिलेश की लिस्ट में मिलाकर कुछ नाम फाइनल हो जाएंगे। लेकिन शुक्रवार को मामला इस कदर बिगड़ा कि अब नई-नई संभावनाएं जन्म लेने लगी हैं। इन सबके बीच जिन लोगों का नाम फाइनल हो चुका है, वह भी अपनी जुबान खोलने से कतरा रहे हैं।
वर्जन
हम समाजवादी पार्टी और नेताजी के लिए काम करते हैं। किसी गुट से हम लोगों का कोई-लेना देना नहीं है। नेताजी का जो आदेश होगा, उसी का पालन करेंगे।
-रजनीश यादव, सपा जिलाध्यक्ष