- हजारों रुपए खर्च करने के बाद अचानक टला चुनाव, प्रधान प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ी
- आरक्षण के पेंच में फंस गया चुनाव, नियमावली बनाकर लागू होगी नई आरक्षण व्यवस्था
GORAKHPUR: राज्य सरकार ने प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों के आरक्षण की पूरी प्रक्रिया स्थगित कर दी। अब नियमावली बनाकर नई आरक्षण व्यवस्था के तहत प्रधानों और सदस्यों को चुनाव होगा। इससे जहां सरकारी महकमों ने थोड़ा राहत की सांस ली, वहीं चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को टेंशन हो गई है। यह टेंशन इसलिए नहीं है कि उनको चुनाव के लिए अभी 6 माह और इंतजार करना पड़ेगा, बल्कि उन्हें इस बात का डर सताने लगा है कि पंचायत चुनाव के लिए उन्होंने जो तैयारियां की थी और जो पैसे खर्च किए थे कहीं वह बर्बाद न हो जाएं। वहीं जब तक चुनाव होंगे, उस बीच उनका चुनावी खर्च किस आंकड़े को टच करेगा, उन्हें इसकी भी टेंशन सताने लगी है। वहीं 6 माह में चुनावी खर्चा मौजूदा खर्च के मुकाबले कई गुना बढ़ जाएगा।
हजारों तक कर चुके हैं खर्च
पिछले तीन माह से गांव की सूरत बदल चुकी थी। सादी सफेद दिखने वाली दीवारें और इलेक्ट्रिसिटी पोल पोस्टर और बैनर से पटे पड़े हुए नजर आने लगे। गांव के आसपास दर्जनों मोहल्लों में सिर्फ पोस्टर और होर्डिग्स की भरमार नजर आ रही थी। गांव के यह नजारे देखकर कोई भी यह अंदाजा लगा सकता है कि चुनाव आ गया है। चुनाव की तैयारियों और अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए प्रत्याशियों ने हजारों रुपए खर्च कर डाले। मगर अब जब आरक्षण के पेंच में चुनाव डेट आगे बढ़ चुकी है, ऐसे में प्रत्याशियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। उन्हें अब इस बात की टेंशन हो गई है कि चुनाव की डेट जितनी देर में डिक्लेयर होगी, उनकी जेब पर उतना ही बोझ बढ़ेगा।
लोग मिलेंगे खर्च तो बढ़ेगा ही
गांव में तैयारियों का दौर पिछले तीन-चार माह से चल रहा है। इसमें प्रत्याशियों के घर उनके सपोर्टर्स का तांता भी लगा हुआ है। अब जब चुनाव की डेट टल चुकी है और नई नियमावली बनाकर आरक्षण व्यवस्था के तहत चुनाव होंगे, तो इस बीच आवाजाही तो और बढ़ेगी। ऐसे में प्रधान जी से जो लोग मिलेंगे, तो उनके खाने-पीने और रिफ्रेशमेंट का बोझ भी बढ़ना तय है। इतना ही नहीं गांव में पिछले तीन माह में होने वाले शादी या त्योहार में खुले हाथ से मदद करना, बैनर-पोस्टर लगाने समेत कई दूसरे कामों पर खर्च बढ़ना तय है।
वर्तमान प्रधानों की चांदी
एक तरफ चुनाव टलने से जहां प्रधानों और पंचायत सदस्यों की नींद उड़ी हुई है, वहीं वर्तमान प्रधान की खुशी छुपाए नहीं छुप रही है। इसमें सबसे ज्यादा वह प्रधान खुश हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कोई खास एचीवमेंट नहीं किया, लेकिन अब उन्हें 6 मंथ का मौका मिला है जिसका वह फायदा उठाना चाहते हैं। कई प्रधान यह कहने लगे हैं कि चुनाव टलने से हम लोगों को नया वरदान मिला है। अब हम फिर से नए सिरे से मैदान में अपनी पारी खेलने की तैयारी करेंगे। खोराबार ब्लॉक के प्रधान ने बताया कि पिछले तीन माह से चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। गांवों में जहां गुटबाजी शुरू हो गई, वहीं अपने प्रत्याशी के लिए लोगों ने कैंपेनिंग भी शुरू कर दी। खोराबार ब्लॉक एक गांव में लगभग 7 से 8 प्रत्याशी मैदान में थे। उन्होंने बताया कि उनके गांव में अब तक 6 लोग बैनर-पोस्टर लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं।
चुनाव का समय बढ़ने से कई काम प्रभावित हुए हैं। चुनाव की तैयारी को लेकर एक्स्ट्रा भार प्रत्याशियों पर जरूर पड़ेगा। लोग चुनाव की तैयारी को लेकर लगातार गांव में घूम रहे हैं।
दिलीप कुमार यादव, ग्राम प्रधान, कालेसर