- हाल-ए-जिला महिला अस्पताल

- लखनऊ की कार्यदायी संस्था ने कराया था काम

- पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन सप्लाई ठप

GORAKHPUR : जिला महिला अस्पताल की नई बिल्डिंग तीन साल से ऑक्सीजन के इंतजार में हैं। जिस समय बिल्डिंग बन कर तैयार हुई, उसी समय पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया। इस पर लाखों रुपए खर्च भी किए गए, लेकिन आज भी वह बदहाली के आंसू बहा रहा है। उधर अस्पताल प्रशासन का दावा है कि ऑक्सीजन सप्लाई का काम सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन हकीकत में हालात कुछ और हैं।

सप्लाई स्टोर बना कबाड़ खाना

जिला अस्पताल ऑक्सीजन पाइपलाइन और स्टोर की हकीकत तस्वीर में साफ है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर पूरी बिल्डिंग का जायजा लेने के लिए वार्ड में पहुंचा। यहां के हालात चौंकाने वाले थे। नीचे तल की बिल्डिंग में बने न्यूबॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट और उसके सामने बने वार्ड में ताला लगा हुआ था। इसके बाद जब ऑक्सीजन पाइपलाइन के बारे में एक हेल्थ कर्मचारी से बात की तो उसने बताया कि बिल्डिंग तैयार होने के बाद से ऑक्सीजन सप्लाई का काम जस का तस ठप पड़ा है। मैनुअल ऑक्सीजन सिलेंडर से पेशेंट को आक्सीजन दिया जाता है। उनका क हना था कि 2012 में बिल्डिंग की नींव रखी गई थी। कार्यदायी संस्था ने लगभग पांच करोड़ की लागत से बिल्डिंग तैयार कर अस्पताल प्रशासन को हैंडओवर कर दिया। इसके बाद लखनऊ की एक संस्था ने तकरीबन 24 लाख की लागत से ऑक्सीजन पाइपलाइन का काम शुरू किया था।

बिल्डिंग में आई थी दरार

लगभग छह माह पहले भूकंप से जिला अस्पताल की न्यू बिल्डिंग में दरार आ गई थी। आनन-फानन में मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कराया गया था। इसके एक माह बाद पांच बच्चों की मौत के बाद गंभीर हुए अस्पताल प्रशासन ने बिल्डिंग में पेशेंट्स को शिफ्ट किया। वहीं नवजात बच्चों के लिए न्यूबॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट चालू किया गया। आज इसके हालात यह हैं कि वार्ड में लाखों की लागत से लगाए गए बेड और उपकरण धूल फांक रहे हैं, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।

छिपाई जा रही हैं गलतियां

जिला महिला अस्पताल पर आए दिन दिन कोई ना कोई आरोप लगते रहे हैं। चाहे वह मरीज के साथ दु‌र्व्यवहार, बच्चे की मौत और धनउगाही का मामला हो। शासन-प्रशासन भी इस बात से अछूता नहीं है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब जिम्मेदारों से कुछ सवाल किया तो वह इशारों में ही अस्पताल के लापरवाही पर पर्दा डालने में लगे रहे।

स्टाफ और डॉक्टर की कमी की वजह से हालत कुछ हद तक बिगड़ गए हैं। स्टाफ के लिए शासन स्तर पर बात की गई है। जहां तक ऑक्सीजन सप्लाई की बात है तो इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए कोई ऑपरेटर नहीं है। जल्द शुरू करा दिया जाएगा।

-डॉ। मिंटू शर्मा, एसआईसी महिला अस्पताल