- सीआर्म मशीन खराब होने की वजह से है परेशानी, अब तक 50 से ज्यादा हो गई है वेटिंग
- पिछले दो हफ्तों से वार्ड में पड़े हैं मरीज, अब तक नहीं हो सका ऑपरेशन
केस - 1
देवरिया जिले के मईल निवासी गोविंद यादव (18) का पैर एक्सीडेंट में टूट गया था। देवरिया जिला अस्पताल में ऑपरेशन हुआ लेकिन वे ठीक नहीं हुए। परिजनों ने उन्हें 12 मई को मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो वार्ड नंबर तीन में एडमिट कराया। यहां डॉक्टर ने पैर का ऑपरेशन करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि दवाइयों की लिस्ट बनाकर दे दी गई है लेकिन ऑपरेशन कब होगा इसकी डेट नहीं बताई जा रही।
केस - 2
महराजगंज के पनियरा थानाक्षेत्र रजौड़ा कला निवासी नंदलाल के 19 वर्षीय बेटे बृजेश के भी पैर का ऑपरेशन होना है। 10 मई को उन्हें यहां एडमिट कराया गया। डॉक्टर ने पैर में रॉड डालने की बात कही, लेकिन इसके बाद ऑपरेशन की डेट के लिए डॉक्टर टरकाते रहे। नंदलाल ने बताया कि राउंड पर डॉक्टर आ रहे हैं लेकिन कब ऑपरेशन होगा यह डॉक्टर नहीं बता रहे हैं।
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज का ऑर्थो वार्ड इन दिनों वेटिंग स्पेशल वार्ड हो गया है। यहां लगातार टल रहे ऑपरेशन की वजह से वेटिंग लिस्ट लंबी होती जा रही है। सीआर्म मशीन खराब होने की वजह से डॉक्टर्स भी ऑपरेशन नहीं कर पा रहे हैं। मगर जिम्मेदारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। पिछले चौदह दिनों की बात करें तो इस बीच दर्द से कराह रहे करीब चार दर्जन से ज्यादा मरीज ऑपरेशन के लिए आ चुके हैं, लेकिन सबको वेटिंग नंबर अलॉट कर ऑपरेशन के लिए इंतजार करने की नसीहत दी गई है।
हाउसफुल हुआ वार्ड
ऑपरेशन न होने से बढ़ रही वेटिंग लिस्ट की असलियत परखने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर गुरुवार मौके पर पहुंचा। यहां 56 बेड वाला वार्ड खचाखच भरा हुआ था। स्टाफ कक्ष में दो स्टाफ नर्स खुद में बिजी नजर आई। जब इस संबंध में उनसे बातचीत की गई, तो उन्होंने डॉक्टर से पूछिए कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसी बीच वहां पहुंचे जुनियर डॉक्टर से जब बात की गई तो उन्होंने भी गोल-मोल जवाब देकर किनारा कर लिया।
खराब पड़ी है मशीन
मेडिकल कॉलेज में लगी सीआर्म मशीन की वजह से ऑपरेशन अटक गए हैं। सीरियस केसेज जिनमें मरीजों के अंदर रॉड इंसर्ट करना पड़ता है, इनमें यह मशीन काफी कारगर है। ऑर्थो स्पेशलिस्ट्स की मानें तो हड्डी संबंधित मेजर ऑपरेशन में सीआर्म मशीन का अहम रोल होता है। ऑपरेशन करते समय स्क्रीन पर हड्डी को देखा जाता है कि किस स्थान पर फैक्चर है। इसके सहारे रॉड, स्क्रू और प्लेट डालने में आसानी होती है और मरीजों को चीरा कम लगाना पड़ता है। यह मशीन सी आकार व एक्स-रे की तरह होती है। मगर इसके खराब होने की वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।
गंभीर मरीजों का ट्रॉमा सेंटर ओटी में ऑपरेशन किया जा रहा है। मेन ओटी में सीआर्म खराब होने की वजह से थोड़ी दिक्कत है। इसे जल्द ही दूर किया जाएगा।
-डॉ। एके श्रीवास्तव, कार्यवाहक एसआईसी