- कभी भी बंद हो सकती है जिला अस्पताल के आर्थो विभाग की ओटी

- ऑटो क्लेम मशीन से निकलने वाली स्टीम से क्रैक हो गई है आर्थो ओटी की छत

GORAKHPUR: हादसे के शिकार पेशेंट्स को प्लास्टर चढ़ाने वाली जिला अस्पताल के आर्थो ओटी की बिल्डिंग को खुद बड़े हादसे का शिकार हो सकती है। बिल्डिंग की दीवारों और छत के प्लास्टर उखड़ने लगे हैं। कई बार तो हेल्थ एंप्लाईज के काम करने के दौरान ही हादसा होते होते बच गया। वहीं बिल्डिंग की छत भी कई जगह क्रैक हो गई है। इस वजह से बारिश के मौसम में एंप्लाईज को काम करने में डर लगता है।

रहना पड़ता है सतर्क

नाम न छापने की शर्त पर एक एंप्लाई ने बताया कि तेज बारिश के दौरान हम लोग सतर्क रहते हैं। पेशेंट्स को भी इधर नहीं आने देते हैं। कुछ दिन पहले एसआईसी एचआर यादव यहां आए थे। उन्होंने जेई से छत को फिर बनाने का इस्टीमेट मांगा था। कई महीने हो गए, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट के जेई ने इस्टीमेट नहीं सौंपा। इंप्लाई ने बताया कि अगर यह जल्दी नहीं बना तो ओटी को बंद कर दिया जाएगा। नहीं कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

ये है वजह

आर्थो ओटी में ऑपरेशन के काम में लाए जाने वाले सर्जिकल इक्विपमेंट्स को ऑटो क्लेम मशीन में स्टीम से साफ किया जाता है। इससे निकलने वाली स्टीम छत और दीवारों को खराब करते हैं। इससे प्लास्टर तो उखड़ते ही है। छत को भी काफी नुकसान पहुंचता है। इससे पहले कई बार छत की मरम्मत कराया चुका है। लेकिन कुछ ही दिनों में फिर छत खराब हो जाती है।

वर्जन

करीब दो महीने पहले ही मामला मेरे संज्ञान में आया था। मैं लिखित रूप कई बार जेई से इसका एस्टीमेट मांग चुका हूं। एक प्रक्रिया के तहत ही काम होता है। जेई की ओर से एस्टीमेट आने के बाद आगे का प्रॉसेस शुरू होता है। मौखिक रूप से भी मैंने कई बार कहा है। जल्द ही अगर एस्टीमेट नहीं आया तो ओटी को बंद करना पड़ेगा।

-एचआर यादव, एसआईसी, जिला अस्पताल

अभी मैं बाहर हूं। एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है। जल्द ही जिला अस्पताल प्रशासन को दे दिया जाएगा।

-आरएन सिंह, जेई, जिला अस्पताल