- शासन ने दिया महज तीन करोड़ का बजट
- प्राचार्य सहित डॉक्टर्स उपकरणों की खरीद में कर रहे माथापच्ची
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में समस्याएं फिलहाल दूर होती नहीं दिख रही हैं। खराब पड़े उपकरणों के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को 20 करोड़ रुपए की डिमांड भेजी थी, लेकिन उधर से महज तीन करोड़ की राशि मुहैया करा काम चलाने का फरमान आ गया। बदहाल व्यवस्थाओं पर आए दिन होने वाली किरकिरी के बाद अब शासन की उदासीनता ने आधिकारियों के माथे पर बल ला दिए हैं। प्राचार्य कक्ष में मंगलवार को इसे लेकर घंटों मंथन हुआ। इस दौरान सभी विभागाध्यक्षों से केवल बेहद जरूरी उपकरणों की लिस्ट ही तैयार करने को कहा गया।
बदहाल व्यवस्था का राज
यहां हर तरफ अव्यवस्था ही नजर आती है। ओटी में ऑपरेशन टेबल और लाइटिंग की व्यवस्था पूरी तरह खराब है। वहीं एक्स-रे मशीन सहित अन्य डिपार्टमेंट के भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। डॉक्टर्स ने पहले भी प्राचार्य को दिक्कतों के बारे में अवगत कराया था। इस पर तत्काल शासन को 20 करोड़ का प्रपोजल बनाकर भेजा गया। अधिकारियों को उम्मीद थी कि बजट पास हो जाएगा। इसके बावजूद सिर्फ तीन करोड़ रुपए का ही बजट मिलने से सारी तैयारी धरी रह गई।
मरीजों की नहीं टली सांसत
बजट मिलने पर मरीजों की दिक्कतें दूर हो जातीं। यहां खराब पड़े उपकरणों के चलते लोगों को बाहर जांच करानी पड़ती है जो बहुत महंगा पड़ता है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की मानें तो इतने कम बजट में ज्यादातर व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं की जा सकेंगी। इस कारण अभी फिलहाल मरीजों की परेशानी कम नहीं होने वाली।
यहां और बाहर की जांच में अंतर
एक्स-रे 41 - 250
अल्ट्रासाउंड- 200-500
सिटी स्कैन- 820-2500
एमआरआई - 3500-6000
ईसीजी - 67- 200
बजट आया है लेकिन बेहद कम है। उपकरणों की खरीदारी के लिए टेंडर प्रक्रिया होनी है। जल्द ही जरूरी खराब उपकरणों को बदला जाएगा।
-डॉ। सतीश कुमार, कार्यवाहक प्राचार्य