- एक माह में महज 15 लोगों ने डीएल के लिए किया अप्लाई
- ऑनलाइन स्कीम का फायदा नहीं उठा रहे हैं गोरखपुराइट्स
वीआइपी नंबर, टैक्स, जुर्माना और गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन के बाद डीएल की प्रॉसेस भी ऑनलाइन हो गई, लेकिन गोरखपुराइट्स अब भी ऑफलाइन मोड में चल रहे हैं। 12 मार्च 2015 से से स्टार्ट हुई ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस प्रॉसेस में एक माह से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी अब तक महज 15-20 लोगों ने ही ऑनलाइन डीएल के लिए अप्लाई किया है। जबकि, रोजाना परिवहन कार्यालय में दर्जनों लोग लाइसेंस और फार्म के लिए लंबी लाइन में खड़े रहते हैं।
दलालों पर लगाम लगाने के लिए उठाया था कदम
आरटीओ ऑफिसेस में दलालों की बढ़ती एक्टिवनेस को देखते हुए अधिकारियों ने ऑनलाइन व्यवस्था स्टार्ट की थी। लेकिन, इस व्यवस्था से अब तक किसी को खास फायदा नहीं मिल सका। दूर-दराज गांव से लाइसेंस बनवाने आए यूथ ऑफिस गेट पर ही ठगे जा रहे हैं। वहीं दलाल लाइसेंस बनवाने के बदले उनसे मोटी रकम वसूल रहे हैं। इतना ही नहीं अगर अभ्यर्थी किसी तरह विभागीय कर्मचारियों के पास पहुंच गया तब भी उसकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। बिना एक्स्ट्रा सुविधा शुल्क के फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है।
फिर भी चक्कर लगाने को मजबूर
ऑनलाइन फैसिलिटी को छोड़ गोरखपुराइट्स डायरेक्ट आरटीओ ऑफिस पहुंच रहे हैं। जिसके बाद वह दिनभर एक टेबल से दूसरे टेबल का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है उठता है कि आखिर इस आनलाइन व्यवस्था का क्या मतलब है। आरटीओ एम अंसारी का कहना है कि ऑनलाइन लाइसेंस व्यवस्था के प्रति धीरे-धीरे लोगों में जागरुकता बढ़ रही है। अभी नई व्यवस्था होने से लोग आवेदन करने में कतरा रहे हैं। अधिकतर आवेदन अधूरे मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में सिर्फ आनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे।
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ऐसे करें आवेदन
- आवेदन के लिए आवेदक को वेबसाइट www.sarathi.nic.in पर जाना होगा।
- वेबसाइट पर दो आप्शन होगा, एक लर्निग के लिए दूसरा स्थाई के लिए।
- कोई एक आप्शन भरने के बाद निर्धारित बैंकों से शुल्क जमा करना होगा।
- शुल्क जमा होने के बाद आवेदक के मोबाइल पर स्वत: सूचना मिल जाएगी।
- बायोमेट्रिक के लिए सुविधानुसार तिथि निर्धारित कर प्रिंट के साथ विभाग पहुंच सकते हैं।
- इसके अलावा आवेदन का प्रिंट, निवास व जन्मतिथि प्रमाण पत्र के साथ भी विभाग पहुंच सकते हैं।