- डिग्री कॉलेजों में जारी टीचर्स के अनुमोदन का वीसी ने किया खुलासा
- यूनिवर्सिटी की पड़ताल में अब तक सैकड़ों टीचर्स का कई कॉलेजों में मिला अनुमोदन
- इन टीचर्स के कई कॉलेजों में अनुमोदन की लिस्ट वीसी ने रिपोर्ट बनाकर भेजी शासन को
GORAKHPUR: गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरु साक्षात? परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नम:॥ अनंत काल से गुरुओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। लेकिन बदलते दौर के साथ गुरुओें की पहचान भी बदलती गई। अब दौर ऐसा आ गया जब गुरुजी लोग धोखेबाजी पर भी उतर आए है। गुरुओं की इस धोखेबाजी का खुलासा पूर्वांचल की सबसे बड़ी शैक्षणिक इकाई गोरखपुर यूनिवर्सिटी के सर्वोच्च अधिकारी ने थर्सडे को किया। इसमें यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजेज में एक ही शिक्षक कई जगह अनुमोदन कराकर सैलरी ले रहे हैं लेकिन पढ़ाने नहीं जाते। ऐसे में सैकड़ों कॉलेजेज के हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
कई कॉलेजेज से उठा रहे सैलरी
डीडीयूजीयू के वीसी प्रो। अशोक कुमार ने बताया कि डीडीयूजीयू से संबंद्ध ऐसे सैकड़ों डिग्री कॉलेज हैं। जहां एक सब्जेक्ट के दर्जन से ज्यादा टीचर्स अपना अनुमोदन करा रखे हैं। एक-एक टीचर्स कई कॉलेजज से सैलरी उठा रहे हैं। हालांकि इन सभी टीचर्स के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए वीसी ने इन टीचर्स की लिस्ट शासन को भेज दी है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार शिक्षा के मंदिर में इस तरह के फर्जीवाड़े से उच्च शिक्षा प्राप्त करने आए स्टूडेंट्स का फ्यूचर कहां जाएगा।
यूनिवर्सिटी के सैकड़ों कॉलेजेज में चल रहा है खेल
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एक तरफ जहां टीचर्स का जबरदस्त अभाव है। स्टूडेंट्स की पढ़ाई व्यवस्था पूरी तरह से डगमगाई हुई है। वहीं डीडीयूजीयू से संबंद्ध सैकड़ों कॉलेजेज में टीचर्स भर्ती के नाम पर जबरदस्त खेल किया गया है। इस खेल में न सिर्फ टीचर्स दोषी हैं बल्कि उतने ही दोषी कॉलेज प्रशासन भी हैं। यहीं नहीं एक टीचर एक कॉलेज से सैलरी उठाने के साथ-साथ कई कई कॉलेजों से भी सेलरी उठाते हैं। जब वीसी ने इन सभी कॉलेज के टीचर्स की लिस्ट मांगी तो मामला उजागर हो गया। डीडीयूजीयू वीसी प्रो। अशोक कुमार ने बताया कि करीब 438 टीचर्स ऐसे हैं जो कई कॉलेजों से अनमोदित हैं। जिनकी कुंडली तैयार कर ली है। इन सभी टीचर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भी कर दी है। शासन से अनुमति मिलते ही इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
क्या है टीचर का खेल?
दरअसल, हर सब्जेक्ट के लिए टीचर्स के नियुक्ति के लिए एनसीटीई के मानकों के अनुरूप टीचर की योग्यता नेट या जेआरएफ या फिर पीएचडी क्वालिफाइड होने चाहिए। एनसीटीई मानकों के अनुरूप इनकी 25-35 हजार रुपए तक की सेलरी भी डिसाइड की जाती है। लेकिन कॉलेज प्रशासन अहर्ता रखने वाले ऐसे टीचर्स की नियुक्ति केवल दिखाने के लिए कागज में कर लेते हैं, लेकिन असल में वह कॉलेज में होते नहीं हैं। इस तरह से कॉलेज और टीचर के बीच टीचर नियुक्ति को लेकर बार्गेनिंग होती है। इसी का फायदा उठाते हुए टीचर भी रुपए कमाने की होड़ में एक कॉलेज के बजाय दो या फिर तीन कॉलेज से अपने को अनुमोदित करा लेते हैं और मोटी रकम कमाते हैं।
अब क्या होगा
यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा जारी की गई लिस्ट के इन टीचर्स के ऊपर कार्रवाई तय है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को लिस्ट भेज दी है। लेकिन इन टीचर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए जैसे ही शासन से आदेश आ जाएंगे। इनके खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई की जाएगी। बल्कि जितने कॉलेज में यह पढ़ा रहे थे। उन कालेज प्रबंधकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि जितने भी टीचर्स ने गलत एफिट डेविट लगाकर अनुमोदन कराया था। वह सब दोषी के श्रेणी में आते हैं।
सब्जेक्ट टीचर्स
हिंदी 62
समाजशास्त्र 107
राजनीति शास्त्र 76
मध्यकालीन इतिहास 41
इंग्लिश 28
बीएड 42
फिजिक्स 08
जूलोजी 06
बॉटनी 08
केमेस्ट्री 10
होम साइंस 20
टोटल 438
वीसी पहले भी कर चुके हैं खुलासा
वीसी प्रो। अशोक कुमार ने बताया कि पहली सूची में 10 महिला टीचर्स के नाम का पर्दाफाश किया गया जो कुल 35 अलग-अलग कालेजेज में पढ़ा रही थीं। कई कालेजेज में गृह विज्ञान विषय के प्रवक्ता के रूप में अनुमोदित इन शिक्षकों की दूसरी सूची भी लगभग तैयार कर ली गई थी। जिसमें 53 महिला शिक्षक कुल 111 कालेजों के लिए अनुमोदित थी।
मूल्यांकन के दौरान ही हो गया था शक
पिछले कई सालों से हो रहे इस खेल का खुलासा हुआ जब बीते दिनों मूल्यांकन के दौरान गृह विज्ञान की परीक्षकों का अभाव हुआ। तब वीसी प्रो.अशोक कुमार ने जब पूछा तो पता चला कि 259 कालेजों में संचालित गृह विज्ञान विषय को पढ़ाने 326 टीचर्स अनुमोदित हैं। शक होने पर जब टीचर्स की लिस्ट मंगाई गई तो एक ही नाम कई कालेजों में होने का पता चला।
यहीं हैं महिला टीचर्स जो
पहले लिस्ट में नाम आने वालों में डॉ.किरन यादव, 7 कालेज में कु। शालिनी, 4 कालेज में राजेश्वरी पांडेय, 3 कालेज में डॉ.रश्मि सक्सेना तथा दो-दो कालेजों में सुनीता सिंह, सौदामिनी सिंह, डॉ.ज्योतिका पांडेय, दीपाली श्रीवास्तव, डॉ.स्वाती पुरवार व डॉ.अनीता सिंह शामिल रही हैं।
कुल 438 टीचर्स ऐसे हैं जो कई कॉलेजों में अपने को अनुमोदित करा रखे हैं। जिनकी लिस्ट शासन को भेज दी गई है। आदेश प्राप्त होते ही इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू