- जुलाई और नवंबर में भी चला था बिजली चोरी के खिलाफ अभियान
- उस वक्त भी बिजली विभाग के साथ साथ प्रशासन
GORAKHPUR: सिटी में बिजली चोरी रोकने का अभियान एक बार फिर शुरू हुआ है। पिछले दो दिन से बिजली विभाग की टीम सिटी में घूम-घूम कर बिजली चोरों को पकड़ रही है। इसके पहले ख्0क्ब् में जुलाई और नवंबर में भी सिटी में बिजली चोरों को पकड़ने का अभियान चला था। दो माह के अभियान के बाद भी क्ख् जनवरी से शुरू हुई सघन चेकिंगअभियान में बिजली चोर पकड़े जा रहे हैं। अब सवाल यह है कि आखिर जुलाई और नवंबर में चलाया गया अभियान क्या महज खाना पूर्ति थी?
अभियान से निर्दोष पब्लिक भी होती है परेशान
सिटी में नवंबर के कुल क्0 हजार से अधिक बिजली बिल रिवाइज के लिए पड़े हैं, लेकिन बिजली विभाग के अफसर और जेई बिजली चोरी के खिलाफ चलाने में लगे हुए थे। ऐसे में उस दौरान सिटी के लगभग क्0 हजार से अधिक कंज्यूमर्स डेली बिजली विभाग के ऑफिस जाते, लेकिन बाबू के अलावा कोई अफसर न मिलने के कारण लौट आते। यही वजह है कि उनका बिल सही नहीं हो पाया। स्थिति यह है कंज्यूमर्स डेली आफिस का चक्कर लगाते रहे, लेकिन इनकी प्राब्लम अभी तक सॉल्व नहीं हुई।
मुख्य सचिव ने की थी अभियान की मॉनिटरिंग
बिजली चोरी रोकने के लिए पिछले एक साल से शासन की ओर से कोशिश शुरू हुई हैं। ख्0क्ब् में जनवरी और फरवरी में पूरे प्रदेश के कंज्यूमर्स पर बकाया बिजली बिल के ब्याज पर भ्0 प्रतिशत छूट दी गई थी। उसके बाद जुलाई माह में बिजली चोरी रोकने के लिए प्रशासन, पुलिस और बिजली विभाग के संयुक्त टीम ने पूरे शहर में बिजली चोरी रोकने और मीटर बदलने का अभियान चलाया था। इसके बाद क् नवंबर से सिटी में फिर से बिजली चेकिंग का अभियान शुरू हुआ। यह अभियान भी पूरे एक माह चला और मॉनिटरिंग की पूरी जिम्मेदारी मुख्य सचिव आलोक रंजन स्वयं कर रहे थे। इस दो माह तक चले अभियान में क्00 से अधिक बिजली चोरी के मामले सामने आए थे और भ् हजार से अधिक उपभोक्ताओं के मीटर बदले गए थे।