जिला महिला अस्पताल में नवजातों के मौत का मामला
डायरेक्टर फैमिली वेलफेयर,डीएम, एडी हेल्थ, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम सिटी समेत प्रशासनिक अमला पहुंचा महिला अस्पताल
- मजिस्ट्रीयल जांच शुरू, पीडि़त, डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और हेल्थ एंप्लाइस का बंद कमरे में हुआ बयान
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:
महिला अस्पताल में संडे को तीन नवजातों की मौत के बाद गहरी नींद में सोया हेल्थ डिपार्टमेंट जग गया। वहीं डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन भी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला अस्पताल के जिम्मेदारों और इंप्लाइज की क्लास लगा दी। मंडे की मार्निग डीएम रंजन कुमार अपने दल बल के साथ अस्पताल पहुंचे। यहां की व्यवस्था को चेक किया। भीषण गर्मी को देखते हुए उन्होंने तत्काल वार्ड में कूलर लगाने को कहा। इसके बाद पीडि़त फैमिली मेंबर्स से बातचीत की। डीएम ने निर्देश पर मंडे को मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई। जांच के दौरान पीडि़तों, डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और हेल्थ एंप्लाइज का बंद कमरे में बयान लिया गया। इसी दौरान डीजी फैमिली वेलफेयर मीनू सागर महिला हॉस्पिटल पहुंची और पीडि़तों से बातचीत कर मामले की जांच करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है। जांच में दोषी पाए गए लोगों को बख्सा नहीं जाएगा।
हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट की डायरेक्टर जनरल मीनू सागर ने अस्पताल की चरमराती व्यवस्था पर गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रमुख सचिव से बात करेंगी। साथ ही छोटी-मोटी परेशानियों को दूर करने के लिए प्रशासन को आगे आकर मदद करनी चाहिए। गर्भवतियों को गेट पर देर तक रोके जाने की शिकायत पर वे काफी सख्त हो गई। उन्होंने ऐसी गलती करने वालों को चेताया। उन्होंने कहा कि यदि सीसी टीवी कैमरे लगाए गए है तो एसआईसी को इसकी मानिटरिंग करनी चाहिए।
सिटी मजिस्ट्रेट व डिप्टी सीएमओ के सामने हुआ बयान
सिटी मजिस्ट्रेट सतीश पाल और डिप्टी सीएमओ एनके वर्मा के समक्ष पीडि़तों का बयान लिया गया। इसके अलावा डॉक्टर और स्टाफ नर्स का भी बयान दर्ज किया गया। पीडि़त सुमित ने अपने बयान में सिटी मजिस्ट्रेट से बताया कि यदि बच्चे को समय पर ऑक्सीजन दिया गया होता तो उसकी जान बच सकती थी। डॉक्टर्स और हेल्थ इंप्लाइज की लापरवाही से नवजातों की मौत हुई है। अभी कुछ फैमिली मेंबर्स का बयान होना बाकी है।
खुलेगा एनआईसीयू, बढ़ाए जाएंगे बच्चों के डॉक्टर्स
डीजी फैमिली वेलफेयर मीनू सागर ने बताया कि मासूमों के लिए एनआईसीयू खोले जाने और संविदा पर तीन डॉक्टर्स को तैनात करने का आदेश दिया गया है। अस्पताल में फैली अव्यवस्था पर उन्होंने कहा कि महिला हॉस्पिटल में जल्द सुधार किए जाएंगे।
डीजी फैमिली वेलफेयर ने ली बैठक
डीजी फैमिली वेलफेयर मीनू सागर ने मामले पर सीएमओ डॉ। एमके सिंह और कार्यवाहक एडी हेल्थ डॉ। घनश्याम सिंह तथा एसआईसी सुनीता कुमार के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अस्पताल की अव्यवस्था को दूर करने को कहा। उन्होंने कहा कि महिला हॉस्पिटल में सुविधाओं को लेकर प्रमुख सचिव और परिवार कल्याण मिशन डायरेक्टर से बात करेंगी।
महापौर ने गंदगी पर जताई नाराजगी
महापौर डॉ। सत्या पाण्डेय मंडे को महिला हॉस्पिटल पहुंची। उन्होंने पीडि़त फैमिली मेंबर्स से मुलाकात की। पीडि़त फैमिली मेंबर्स से बात करने के बाद महापौर एसआईसी दफ्तर में बैठे हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसरों से मिलीं। उन्होंने हॅास्पिटल कैम्पस फैली गंदगी पर नाराजगी जताई। उन्होंने तत्काल नगर स्वास्थ्य अधिकारी से कैंपस की सफाई कराने और दवाओं का छिड़काव करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पेशेंट्स के फैमिली मेंबर्स किसी भी हेल्थ इंप्लाइ के दुर्व्यवहार की शिकायत एसर्आइसी से करें। महापौर ने पीडि़तों को आर्थिक के लिए आर्थिक मदद की मांग की।
भीषण गर्मी में उबल रहे मरीज
भीषण गर्मी की वजह से अस्पताल में एडमिट पेशेंट्स उबल रहे है लेकिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पेशेंट्स और उनके फैमली मेंबर्स को पंखे तक देने में विफल साबित हो रहा है। इस घटना के बाद मंडे को आनन-फानन में हॉस्पिटल एडमिनिस्टे्रशन ने पंखों को ठीक कराना शुरू किया।
अस्पताल में दिन भर रही हलचल
नवजातों की मौत के बाद मंडे को अस्पताल परिसर हलचल रही। फैमिली मेंबर्स ने मामले को लेकर जिम्मेदारों पर सवालों की झड़ी लगा दी। हॉस्पिटल का माहौल पूर दिन गरम रहा। वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने डॉक्टर और स्टाफ नर्स पर लापरवाही की आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।
वर्जन
भीषण गर्मी को देखते हुए सभी वार्ड में गर्भवती महिलाओं के लिए जल्द ही एसी लगाया जाएगा। इसके लिए मैं प्रिंसिपल सेके्रटरी से भी बात करूंगी।
मीनू सागर, डीजी, फैमिली वेलफेयर
मामले की जांच की जा रही है। कई लोगों के बयान लिए गए है। अन्य का बयान होना है। जांच पूरा होने में अभी दो दिन और लगेंगे। इसके बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
सतीश पाल, सिटी मजिस्ट्रेट
अस्पताल का जायजा लिया गया है। जहां कहीं भी कमियां दिखाई दी हैं उसे दूर करने को कहा गया है। सिटी मजिस्ट्रेट और डिप्टी सीएमओ इस मामले की जांच कर रहे है। जांच में दोषी पाए गए लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
रंजन कुमार, डीएम