- जिला अस्पताल में चल रहा उपचार
- हत्या के मामले में सजा काट रहे चौथी
GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में बुजुर्ग कैदी की हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलवार को सिर और सीने में दर्द की शिकायत पर उनको जेल अस्पताल के डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। करीब 104 साल उम्र के कैदी को हाल ही में वाराणसी से गोरखपुर लाया गया था।
वाराणसी से आए थे
बेलीपार एरिया के मलाव निवासी चौथी यादव करीब 13 साल से जेल में बंद हैं। हत्या के एक मामले में कोर्ट ने उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके पहले वह वाराणसी की जेल में थे। गवर्नमेंट ने 70 साल के बुजुर्ग बंदियों के रिहाई की योजना शुरू की है। इसके तहत चौथी को वाराणसी से गोरखपुर जेल में शिफ्ट किया गया था।
जेल में बदहाल मेडिकल सेवाएं
मंगलवार सुबह बंदी ने सीने और सिर में दर्द की शिकायत दर्ज कराई। जेल अस्पताल के कर्मचारियों ने जांच पड़ताल के बाद उनकी हालत गंभीर बताई। जेल में चिकित्सीय सुविधाओं का अभाव होने से उनको जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
25 जुलाई को हुई थी एक और मौत
इसके पहले भी जेल में कैदी की मौत हो चुकी है। 25 जुलाई को बड़हलगंज एरिया के बेलवा निवासी बुजुर्ग कैदी तिलक की मौत हो गई थी। अचानक तबीयत बिगड़ी तो उनको जेल अस्पताल में ले जाया गया। वहां डॉक्टर न मिलने पर कैदी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन उपचार में लापरवाही से कैदी की जान नहीं बचाई जा सकी।
वर्जन
कैदी की हालत बिगड़ने पर उनको जिला अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उनका उपचार शुरू कर दिया है। हालत सुधरने पर ही उनको जेल में लाया जाएगा।
डॉ। आरके सिंह, जेलर