- घर से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही पुलिस
- शुक्रवार की सुबह 10 बजे के बाद हुई वारदात
GORAKHPUR : बुजुर्ग महिला की हत्या से सभी हैरान थे। व्यवहार कुशल महिला के व्यवहार के सभी कायल थे। घर आने-जाने वालों की वह खूब खातिरदारी करती थीं। पासपड़ोस के लोग भी उनसे काफी खुश रहते थे। रविवार की सुबह हर किसी के चेहरे पर मायूसी नजर आई। यह महज संयोग था कि जिस सोफे पर पति पर तस्वीर पड़ी थी। ठीक उसी के सिरहाने बुजुर्ग महिला की डेड बॉडी पड़ी थी। घटना से नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल काफी व्यथित नजर आए। महिला के भांजे इंजीनियर पीके मल्ल समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर क्या करें।
खाना रखकर गई थी शोभा
गोपलापुर मोहल्ला निवासी रामानंद राजगीर मिस्त्री है। रामानंद की बेटी शोभा बीए फर्स्ट इयर में पढ़ रही है। किसी परिचित के कहने पर शांति देवी ने शोभा को दोनों टाइम भोजन पकाने के लिए कह दिया। शोभा सितंबर मंथ से काम कर रही है। शोभा ने पुलिस को बताया कि गुरुवार की शाम चार बजे उसने रिकवच की पकौड़ी बनाई। चार पकौडि़यां और रोटी टिफिन में रखकर घर चली गई। शुक्रवार की सुबह 10 बजे खाना बनाने गई तो ताला बंद देखा। इसके बाद घर लौट गई।
शुक्रवार सुबह देखी गई शांति
शांति देवी के घर के पास प्रदीप राय का आवास है। उनके वहां सिकरीगंज के तामा की अनराही और गोपालपुर की ऊषा भी काम करती है। रात में शांति को असुविधा न हो इसलिए अनराही रोजाना रात में वहीं सोने चली जाती थी। गुरुवार की रात वह सोई। शुक्रवार की सुबह करीब पांच बजे उठकर अपने काम में बिजी हो गई। प्रदीप के घर में गोपलापुर की ऊषा बरतन मांजती है। उसने भी शुक्रवार की सुबह शांति का हालचाल पूछा था। प्रदीप राय के परिवार के लोगों ने आठ बजे तक महिला को टहलते देखा। शनिवार को वह नहीं नजर आई। घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर देखकर लोगों ने समझा वह कहीं रिश्तेदारी में गई होंगी।
हत्या से ज्यादा दुख इस बात का है कि पुलिस और प्रशासन के सीनियर अफसर झांकने नहीं आए। एक प्रशासनिक अफसर की बुजुर्ग पत्नी की हत्या को सामान्य तौर पर लिया गया। मौके पर सिर्फ एसएसपी पहुंचे। आईजी, डीआईजी, कमिश्नर या डीएम ने इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।
इंजीनियर पीके मल्ल, मृतका के भांजे
हत्या की वजह लूटपाट हो सकती है इसलिए पुलिस को बारीकी से जांच करनी चाहिए। हत्यारे ने नया ताला लगा दिया था। शांति देवी गहने पहनती थीं। मर्डर के बाद उनके बदन से गहने गायब थे।
जितेंद्र बहादुर सिंह, एडवोकेट, परिवारिक सदस्य
फोन न उठने पर हम लोगों को चिंता हुई। हमने इंजीनियर साहब को बताया। शनिवार की रात जब वह घर पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई। घटना से सभी रिश्तेदार आहत हैं।
नवल किशोर, मृतका के देवर
आठ तारीख को मैंने रिकवच की पकौड़ी बनाई। रोटी और पकाड़ी टिफिन में रखकर चली गई। नौ तारीख की सुबह 10 बजे गई तो ताला बंद था। शाम को चार बजे भी ताला देखकर लौट आई। 10 तारीख को भी ताला बंद मिला। आज सुबह घटना की जानकारी हुई।
शोभा, घर में भोजन पकाने वाली युवती