- नागरिक समस्या समाधान शिविर से गायब पब्लिक और अफसर

- प्रचार प्रसार न होने के कारण सीएम के सपने पर लगा ग्रहण

- चार जगह लगे कैंप में आए मात्र 20 शिकायतें

GORAKHPUR: गोरखपुर में जनता की सेवा करने का इरादा रखने वाले सूबे के मुखिया के सपने की अधिकारी हवा निकाल रहे हैं। छोटी-छोटी समस्या को लेकर पब्लिक को ऑफिस-ऑफिस के चक्कर न लगाने पड़ें, इसको ध्यान में रखते हुए 2014 में सीएम ने आदेश दिया था कि नगरीय निकाय सीमा के अंदर माह के प्रत्येक दूसरे सोमवार को नागरिक समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया जाए। इसकी जिम्मेदारी निकाय की होगी और शिविर में जीडीए और बिजली विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। लेकिन नगर निगम शिविर आयोजन कर केवल खानापूर्ति कर रहा है तो जीडीए और बिजली विभाग के अधिकारियों को इस कैंप से कुछ लेना-देना ही नहीं है। जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इन कैंपों जायजा लिया तो कहीं अधिकारी काम तो कहीं आराम करते हुए नजर आए।

महेवा

समय- 12.15 बजे

महेवा स्थित नगर निगम के स्टोर में कैंप लगाया गया। इसमें सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12.15 बजे तक केवल पांच शिकायतें आई थी, जिसमें दो शिकायतें टैक्स से संबंधित थी, लेकिन मौके पर टैक्स विभाग का कोई कर्मचारी न होने से किसी भी समस्या का निस्तारण नहीं हो सका। एक ही व्यक्ति ने पथ प्रकाश और स्वास्थ्य विभाग की कंप्लेन की, जिसका मौके पर ही निस्तारित कर दिया गया। वहीं दो अन्य कर्मचारी खाली बैठे नजर आए।

लालडिग्गी

समय- 12.45 बजे

नगर निगम का दूसरा कैंप लालडिग्गी पार्क के पास लाइब्रेरी में लगा था। इस कैंप में मौके पर केवल तीन अधिकारी उपस्थित थे। इस कैंप की हालत तो और ज्यादा खराब थी। दोपहर एक बजे तक कोई कंप्लेन नहीं आई। यहां एक कर्मचारी ने बताया कि तीन ही लोग हैं। अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस कैंप से पब्लिक दूर हो रही है। अगर कैंप में अधिकारी उपस्थित रहे तो पब्लिक का भी मनोबल बढ़ता, लेकिन किसी भी विभाग के अधिकारी के न आने के कारण पब्लिक भी दूर भाग रही है।

कैंप स्थल कंप्लेन संख्या

महेवा स्टोर 5

लालडिग्गी पार्क की लाइब्रेरी 0

सूरजकुंड सामुदायिक भवन 1

राप्तीनगर पानी टंकी 0

100 से अधिक शिकायतें निस्तारित नहीं

आदेश आने के बाद शुरुआती दौर में जिम्मेदारों ने काफी तेजी दिखाई। एक या दो कैंप के बाद इसकी रफ्तार सुस्त पड़ने लगी। दो कैंप के बाद किसी भी कैंप में जीडीए और बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं हुआ। वहीं सितंबर 2014 से आयोजित होने वाले इस शिविर में अब तक 315 शिकायतें आई है, जिनमें से 100 से अधिक शिकायतें अभी भी निस्तारण के लिए बाट जोह रही हैं।

दिवस का मुख्य उद्देश्य

- सुविधाओं को सुगमता से उपलब्ध कराना।

- जनता और अधिकारियों के बीच सीधा संवाद।

- शिकायतों का प्रभावी ढंग से समयबद्ध निस्तारण।

- शिकायतों के निस्तारण से समय की बचत व धन के अपव्यय को रोका जाना।

आयोजन की व्यवस्था

- आयोजन माह के प्रत्येक दूसरे सोमवार को सुबह दस से दो बजे तक।

- नगर आयुक्त द्वारा स्वयं नगरीय सुविधा समाधान दिवस का निरीक्षण।

- आयोजन के दिन संबंधित थाने की पुलिस अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य।

- नगर निगम अभियंत्रण विभाग के अधिकारी, जिला नगरीय विकास अभिकरण व उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन, विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य।

- जिलाधिकारी या मंडलायुक्त द्वारा कम से कम क्रमश: दो-दो व एक नागर निकायों का औचक निरीक्षण।

निस्तारण की व्यवस्था

- मुख्य नगरीय सुविधा समाधान दिवस अधिकारी नगरीय सुविधा समाधान दिवस में उपस्थित होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए अलग से एक उपस्थिति पंजिका रखी जाएगी, जिस पर सभी उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षर किया जाएगा।

- नगरीय सुविधा समाधान दिवस में प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों के निस्तारण की समीक्षा मंडलायुक्त द्वारा आयोजन की तिथि से तीन दिन पूर्व की जाएगी। निस्तारण की सूचना आयोजन की तिथि से 21 दिन बाद मंडलायुक्त को प्रेषित करनी होगी।

- नगरीय सुविधा समाधान दिवस के आयोजन पर आने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति निकायों द्वारा स्वयं के संसाधनों से किया जाएगा।

हम लोग तो खुद अपने कैंप का आयोजन करते हैं और इसमें आने वाले प्रॉब्लम को दूर करते हैं। नागरिक समस्या समाधान शिविर में अगर जीडीए से जुड़ी प्रॉब्लम आती है, तो उसकी जानकारी मिलने पर तत्काल दूर किया जाएगा।

शिवश्याम मिश्र, उपाध्यक्ष, जीडीए

नागरिक समस्या समाधान शिविर में कैंप के आयोजन में बिजली से संबंधित कोई कंप्लेन आती ही नहीं है। हम लोग इन दिनों खुद ही शहर में बिजली बिल वसूलने के लिए घूम रहे हैं। ऐसे में पब्लिक की सभी समस्याएं वहीं निस्तारित कर दे रहे हैं।

आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम