- 2012 में बनी थी योजना, अभी तक नहीं बना इस्टीमेट
- 75 लाख रुपए में बदले जाने थे तीन सब स्टेशन के तार
- ओवरलोडेड हैं सब स्टेशन, रोज गुल हो रही बिजली
GORAKHPUR : व्यवस्था सुधारने के लिए अगर कोई अधिकारी कदम बढ़ाता है तो उसी विभाग के अन्य अधिकारी पेंच फंसा देते हैं। बनता काम ऐसा लटकता है कि सालों तक उसकी सुधि नहीं ली जाती। 2012 में जूनियर अफसरों ने तीन सब स्टेशन की हालत सुधारने की योजना बनाकर शासन को भेज दी। शासन ने शाबासी देते हुए योजना को जिले के उच्चाधिकारियों से अग्रसारित कराने का आदेश दिया। लेकिन अफसरों ने प्रस्ताव लटका दिया। न तो बजट रिलीज हुआ, न सब स्टेशंस पर कोई काम हुआ। अब हालात ऐसे हैं कि सब स्टेशंस पर ओवरलोड के चलते रोज एक-दो घंटा बिजली गुल हो रही है। परेशान हाल जनता बस यही सोच रही है कि न जाने कितना इंतजार करना पड़ेगा।
बदले जाने थे तार
रुस्तमपुर, लालडिग्गी और यूनिवर्सिटी पर बिजली सप्लाई डाग कंडक्टर तार के जरिए मेन सब स्टेशन से सप्लाई की जा रही है। इस तार की क्षमता 324 एंपियर है लेकिन उस पर 400 एंपियर की सप्लाई हो रही है। तार को चेंज कर पैंथर कंडक्टर किया जाना था क्योंकि वो 489 एंपियर क्षमता का होता है। जेई रामअचल सिंह ने बताया कि ओवरलोड होने के कारण फीडर में फॉल्ट, लो वोल्टेज और लाइन लॉस की प्रॉब्लम झेलनी पड़ती है। कई बार यह कंडक्टर पिघल जाते हैं। योजना के तहत तारों को और ऊंचाई पर ले जाना था ताकि रोड पर ट्रैफिक में वो फंसे नहीं।
तार बदलते तो होता फायदा
- लो वोल्टेज और लोकल फॉल्ट से निजात मिलती।
- लाइन लॉस कम होने से बिजली विभाग को लाभ होता।
- फॉल्ट कम होने से खर्च में कमी आती।
- तार ऊंचे होने से हादसों में गिरावट
इन एरियाज को मिलती राहत
रुस्तमुपर सब स्टेशन पर ओवरलोड की प्रॉब्लम बनी रहती है। एक एरिया में बिजली सप्लाई करने के लिए दूसरे एरिया की बिजली काटनी पड़ती थी। रुस्तमपुर सब स्टेशन से आजाद चौक, चिलमापुर, दक्षिणी बेतियाहाता, आधा महेवा एरिया, बगहा बाबा मंदिर, शिवपुरी कालोनी एरिया में बिजली सप्लाई होती है। लालडिग्गी सब स्टेशन पर गीता प्रेस, बसंतपुर, रायगंज, रेती चौक, कौआदह, मिर्जापुर एरिया में बिजली सप्लाई होती है। वहीं यूनिवर्सिटी सब स्टेशन से सिटी के पॉश कॉलोनियों के साथ ही साथ तीन फीडर पर 24 घंटे बिजली सप्लाई होती है। यूनिवर्सिटी सब स्टेशन के गोलघर, विजय चौक, सिविल लाइंस एरिया में बिजली सप्लाई होती है।