गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके साथ ही जिले में संक्रमित एक्टिव केस की संख्या तीन हो गई। एम्स की नर्सिंग की छात्रा को चार दिन से सर्दी-बुखार की समस्या थी। वह हॉस्टल में रहती है। शनिवार को उसे सहपाठी एम्स के मेडिसिन विभाग में इलाज कराने ले गए। जहां से कोविड जांच के लिए छात्रा को माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग भेजा गया। शनिवार को छात्रा का सैंपल जांच के लिए लिया गया। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
बंदियों की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
जेल में बंद दोनों संक्रमितों के नमूने अब जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जाएंगे। दोनों करीब चार दिन पहले दोनों बंदी संक्रमित मिले थे। इस साल पहली बार जिले में कोरोना संक्रमण की तस्दीक हुई है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दोनों संक्रमितों कि जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का फैसला किया है। कोविड के नोडल अधिकारी डॉ। एके सिंह ने बताया कि इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखा जाएगा। जिससे दोनों बंदियों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए।
जांच किट पहुंची, नमूने नहीं मिले
दिल्ली में इन्फ्लूएंजा के नए स्ट्रेन एच-3 एन-2 के फैलने के बाद सरकार ने लगभग एक माह पहले ही सतर्कता व बचाव के लिए निर्देश दिया था, लेकिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में किट न होने से जांच नहीं हो पा रही थी। किट शुक्रवार को आ गई। ट्रायल हो गया, लेकिन अभी तक जांच के लिए नमूने ही नहीं पहुंचे। इसलिए जांच नहीं हो पाई। एचओडी डॉ। अमरेंद्र सिंह ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल को जांच किट आने की सूचना दे दी गई है, लेकिन अभी तक नमूने नहीं आए, इस वजह से जांच नहीं हो पाई है। सोमवार को नमूने भेजने के लिए विभागों को पत्र भेजा जाएगा।
बंदियों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखा जाएगा, ताकि वे सैंपल को क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) भेज दें।
- डॉ। एके सिंह, नोडल अधिकारी