गोरखपुर (ब्यूरो)।ठंडी हवा में सफर करने की चाह लिए पैसेंजर्स को पैसा देने के बाद भी गर्मी में पसीना बहाकर सफर पूरा करना पड़ रहा है। एयरकंडीशन प्रॉपर वर्क न करने की वजह से गरम हवा दे रहे हैं, जिसकी वजह से तेज धूप में लोगों की मुश्किलें बढ़ जा रही हैं। जिम्मेदारों की मानें तो बसी के फिल्टर धूल के कारण चोक हो गए हैं, जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है।

रास्ते में एसी फेल

पैसेंजर्स का कहना है कि बस स्टेशन से तो ठीक-ठाक बसें निकलती हैं और गर्मी नहीं लगती है, लेकिन रास्ते में उनका एसी काम करना बंद कर दे रहा है। कंडक्टर्स से कंप्लेन के बाद भी इसका कोई सॉल्युशन नहीं निकल पा रहा है, जबकि पैसेंजर्स से सुविधा के नाम पर पूरा किराया लिया जाता है। राप्तीनगर डिपो में 53 जनरथ एसी बसें है। वहीं गोरखपुर डिपो में दो शताब्दी और दो अनुबंधित बसें हैं। पैसेंजर्स से मिले फीडबैक के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने गुरुवार को राप्तीनगर डिपो कचहरी बस स्टेशन और गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर खड़ी एसी बसों की पड़ताल की। पड़ताल में मिला कि पैसेंजर्स की शिकायत बिल्कुल सही है। यहां एसी गाडिय़ां खड़ी थीं, लेकिन इसमें से गरम हवा ही बाहर निकल रही थी।

बस चलेगी तो करेगा काम

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जब देखा कि बस में गरम हवा की वजह से गर्मी बढ़ रही थी तो इसको लेकर कंडक्टर से बातचीत की। नाम न बताते हुए कंडक्टर ने पिनकते हुए बताया कि अभी बस स्टेशन पर खड़ी है, इसलिए ठंडा नहीं हो रहा है। बस जब चलेगी तो एसी भी काम करने लगेगा। बस नंबर यूपी 53 डीटी 1822 में कुछ पैसेंजर्स बैठे नजर आए, उन्हें आजमगढ़ और वाराणसी के लिए जाना था। जब उनसे एसी के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि गर्मी में एसी बस को लोग ज्यादा पसंद करते हैं, इसलिए इस समय ज्यादा पैसेंजर्स एसी बस में सफर करना चाहते हैं, लेकिन सुविधा मिल नहीं पा रही है। वह अक्सर सफर करते हैं। जब एसी को ठंडा करना चाहिए, तो अक्सर गरम करने लगता है। प्रॉपर मेनटेनेंस न होने की वजह से ऐसा होता है। कभी-कभी रास्ते में एसी काम करना बंद कर देता है तो प्रॉब्लम होती है। वहीं, यूपी 53 डीटी 4792 जनरथ एसी बस का भी यहीं हाल रहा। बस का एसी तो चल रहा था, लेकिन पैसेंजर्स बस में गर्मी से बेहाल थे। थोड़ी देर बाद कंडक्टर पहुंचा तो पैसेंजर्स ने एसी चलाने के लिए बोला। बस स्टार्ट कर एसी तो चलाया गया लेकिन उससे भी गरम हवा निकल रही थी।

वर्ष 2016 में आई थी जनरथ एसी बसें

पैसेंजर्स की सुविधा के लिए वर्ष 2016 में राप्तीनगर डिपो में 53 जनरथ एसी बसें शामिल की गई थी। जिसका संचालन विभिन्न रूटों पर शुरू कर दिया गया। हालांकि धीरे-धीरे बसें पुरानी होने और प्रॉपर मेनटेनेंस न होने की वजह से एसी ने काम करना बंद कर दिया। राप्तीनगर वर्कशॉप में कायाकल्प योजना के तहत बसों का मेनटेनेंस भी करवाया गया, लेकिन यह किस लेवल की थी, पारा चढऩे के साथ कई बसों के जवाब दे रहे एसी इसकी पोल खोल रहे हैं। रोडवेज प्रशासन का दावा है कि सभी बसों के एसी दुरुस्त कराए जा रहे हैं। इसके बाद ही उनका संचालन किया जा रहा है।

स्टैटिस्टिक -

राप्तीनगर में जनरथ बसें-53

गोरखपुर डिपों में अनुबंधित एसी बसें-04

गोरखपुर डिपो में निगम की बसें-80

अनुबंधित बसें-128

राप्तीनगर डिपो में निगम की बसें-74

अनुबंधित बसें-26

गर्मी में ज्यादातर पैसेंजर्स एसी बस में सफर करना पसंद करते हैं। कई बसों की एसी काम नहीं करने से दिक्कत होती है, यह समस्या एक बार की नहीं है। बार-बार प्रॉब्लम होती है।

उज्जवल सिंह, पैसेंजर

गर्मी में एसी बस से सफर करने वालों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन रास्ते में अचानक एसी काम करना बंद कर देता है। कंप्लेन करने के बाद भी कोई नहीं सुनता है। मजबूरन सफर करना पड़ता है।

वरुण पांडेय, पैसेंजर

जनरथ एसी बसों की मेनटेनेंस कराई जाती है। वर्कशॅाप में बराबर फिल्टर भी बदले जाते हैं। इसके बाद ही बसों का संचालन किया जाता है। ताकि पैसेंजर्स को किसी प्रकार की प्रॉब्लम ना हो सके। अगर कहीं प्रॉब्लम है, तो उसे दिखवाया जाएगा।

- पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन