गोरखपुर (ब्यूरो)।इस फैसले केअब अंडर ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स अपनी ओएमआर शीट (एमसीक्यू पेपर की आंसर शीट) देख सकेंगे और माक्र्स को लेकर अपनी दुविधा या शंका को दूर कर सकेंगे। एग्जामिनेशन सिस्टम को पारदर्शी बनाने के क्रम यूनिवर्सिटी प्रशासन यह सुविधा इसी सेशन से देने जा रहा है। यूनिवर्सिटी के इस फैसले पर एग्जामिनेशन कमेटी ने भी अप्रूवल दे दिया है।
होता रहा है विरोध
यूनिवर्सिटी में अबतक केवल डिस्क्रिप्टिव पेपर की ही आंसर कॉपी को आरटीआई के तहत दिखाने की व्यवस्था थी। एमसीक्यू पेपर की आंसर कॉपी यानी ओएमआर सीट स्टूडेंट्स नहीं देख सकते हैं क्योंकि इसे नियम के दायरे में नहीं रखा गया है। इसे लेकर आए दिन स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन यूनिवर्सिटी कैंपस से लेकर प्रशासनिक भवन तक होता रहा है। माक्र्स की असंतुष्टि दूर करने की उनकी मांग पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। अब जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह फैसला ले लिया है कि यूजी के सभी एग्जाम एमसीक्यू फॉर्मेट में होंगे तो इसके रिजल्ट से असंतुष्ट रहने वाले स्टूडेंट्स को संतुष्ट करने की व्यवस्था भी यूनिवर्सिटी ने कर दी है।
नॉर्मल आंसर कॉपी की ही फीस
ओएमआर शीट को देखने के लिए भी स्टूडेंट्स को वही फीस देनी होगी, जो फीस उन्हें डिस्क्रिप्टिव पेपर की आंसर कॉपी देखने के लिए देनी पड़ती रही है। वर्तमान में आंसर कॉपी देखने की फीस यूनिवर्सिटी की ओर से 300 रुपए निर्धारित है। ऐसे में ओएमआर शीट देखने के लिए भी स्टूडेंट्स को 300 रुपए की रसीद कटानी पड़ेगी और उसे अप्लीकेशन के साथ एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट में यूनिवर्सिटी की ओर से तय समय में प्रस्तुत करना होगा।
स्टूडेंट्स की संतुष्टि यूनिवर्सिटी की प्रायोरिटी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जब डिस्क्रिप्टिव पेपर की आंसर कॉपी दिखाने की व्यवस्था कर रखी है तो ओएमआर शीट देखने का भी उनका अधिकार बनता है। इसे ध्यान में रखकर ओएमआर शीट को दिखाने का निर्णय लिया है। इसी सेशन से स्टूडेंट्स अपनी ओएमआर शीट देख सकेंगे और माक्र्स को लेकर अपनी दुविधा दूर कर सकेंगे।
प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू