- खुद परख सकेंगे, हम कितना खा रहे मिलावटी सामान
- गोरखपुर में होगी 10 जिलों से आए खाद्य सामग्री के सैंपल की जांच
GORAKHPUR : अब कोई चीज शुद्ध नहीं है। क्या खाएं या क्या न खाएं। कुछ समझ नहीं आता। फूड विभाग भी हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है। जब त्योहार आता है तो टीम एक बार छापेमारी कर सैंपल ले लेती है और जांच को भेज देती है। इसके बाद क्या हो रहा है, उसे पता नहीं रहता। ऐसे कई सवाल अपनी सेहत के लिए फिक्रमंद गोरखपुराइट्स को सताते रहते हैं, मगर अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि मिलावट की असलियत आप खुद भी जांच सकते हैं। इसके लिए 6 जिलों में फूड विभाग की ओर से जन विश्लेषक प्रयोगशाला बनाई गई है। जहां 18 मंडल से आने वाले सैंपल की जांच की जाएगी।
जांच के लिए देनी होगी फीस
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल कुमार राय ने बताया कि इसके लिए पब्लिक को खाद्य सामग्री का सैंपल देने के साथ एक हजार रुपए फीस जमा करनी होगी। जिसे विभाग के अधिकारी जांच के लिए लैब भेजेंगे। पूरे प्रदेश में 6 लैब बनाई गई है जिसमें एक लैब स्टेट लेवल और पांच लैब रीजनल लेवल की हैं। गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में टेस्टिंग लैब बनी है। जहां गोरखपुर के अलावा बस्ती और आजमगढ़ मंडल से आने वाले सैंपल की भी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में दूध और दूध से बने सामान की टेस्टिंग की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में अन्य 9 कैटेगरी में लिस्ट बनाई गई है, जिसकी जांच कराई जा सकेगी।
इनकी करा सकेंगे जांच
- दूध एवं दूध से बने सामान
- तेल व वनस्पति
- फल, सब्जी और उससे बने सामान
- खाद्यान्न, दलहन और उससे बने सामान
- मिठाइयां एवं कंफेक्शनरी
- मीठा करने वाले तत्व
- नमक, मसाले एवं अन्य उससे संबंधित सामान
- चाय, काफी
- पान मसाला एवं संबंधित सामान
- पका हुए भोज्य पदार्थ सहित अन्य प्रोपराइटरी खाद्य पदार्थ
यहां होगी जांच
लैब (जन विश्लेषक प्रयोगशाला) - मंडल
राज्य स्तरीय, लखनऊ - लखनऊ, फैजाबाद, देवीपाटन
क्षेत्रीय, वाराणसी - वाराणसी, मिर्जापुर, इलाहाबाद
क्षेत्रीय, मेरठ - मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद
क्षेत्रीय, आगरा - आगरा, अलीगढ़, बरेली
क्षेत्रीय, गोरखपुर - गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़
क्षेत्रीय, झांसी - झांसी, चित्रकूट, कानपुर
गोरखपुर में होगी इन जिलों की जांच
- गोरखपुर
- कुशीनगर
- महराजगंज
- देवरिया
- बस्ती
- सिद्धार्थ नगर
- संत कबीर नगर
- आजमगढ़
- मऊ
- बलिया
अब पब्लिक भी मिलावट की जांच सीधे करा सकेगी। इसके लिए उसे निर्धारित फीस जमा करने के साथ खाद्य विभाग के ऑफिस में आकर सैंपल देना होगा। हालांकि इस जांच की कानूनी मान्यता नहीं होगी, मगर यह जरूर तय हो जाएगा कि ये खाद्य सामग्री यूज करने लायक है या नहीं।
अजीत कुमार, डीओ, खाद्य विभाग