- प्रीपेड मोबाइल की तरह ही मीटर भी होगा रिचार्ज

-जितना पैसा देंगे उतनी ही बिजली कर पाएंगे यूज

-अगले माह से नए कनेक्शन पर मिलेंगे प्रीपेड मीटर

GORAKHPUR: अब तक आप प्रीपेड सिम यूज कर रहे थे। इसके बाद आप प्रीपेड बिजली मीटर का यूज करेंगे। नए साल पर बिजली विभाग गोरखपुराइट्स को यह तोहफा देने जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रीपेड मीटर को जितनी रकम से रिचार्ज किया जाएगा, उसे उतना ही यूज कर पाएंगे। अगर समय से इसे रिचार्ज नहींकिया तो आपकी बिजली स्वत: ही कट जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल जनवरी मंथ से महानगर विद्युत वितरण निगम यह व्यवस्था सिटी में लागू कर देगा। संभावना है इस सिस्टम के लागू होने से सिटी में कम से कम बिजली चोरी क्भ् परसेंट कम हो जाएगी। इस तरह सिटी को चार घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिल सकेगी।

कभी भी हो सकता है रिचार्ज

जेई प्रदीप दूबे का कहना है कि जिस तरह से प्रीेपेड मोबाइल में पैसा समाप्त होते बात बंद हो जाती है। उसी तरह से प्रीपेड बिजली मीटर में बैलेंस खत्म होने से आपकी बिजली कट जाएगी। मतलब बैलैंस खत्म तो बिजली गुल। अगर कोई कंज्यूमर अपना प्रीपेड मीटर एक हजार रुपए से रिचार्ज करता है तो यह उसके बिजली यूज करने के ऊपर है कि वह उसे फ्0 दिन में खत्म करे या क्भ् दिन में। जैसे ही बैलेस क्000 से ऊपर जाएगा वैसे ही बिजली गुल हो जाएगी। इसके बाद जब वह रिचार्ज करेगा उसके दस मिनट के अंदर बिजली आ जाएगी। जेई दूबे ने बताया कि प्रीपेड मोबाइल के लिए मिनिमम रिचार्ज भ्00 रुपए का होगा। इसके लिए रिचार्ज कूपन खरीद कर घर में रखे जा सकते हैं।

मिल जाएगा एक साल का रिकार्ड

इस समय बिजली विभाग में जो अव्यवस्था है उसमे कंज्यूमर्स को अपने कनेक्शन की जानकारी लेने के लिए विभाग के हफ्तों चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन प्रीपेड मीटर लग जाने पर वह अपने कनेक्शन का एक साल का रिकार्ड एक बटन दबाने पर जान सकता है। प्रीपेड मीटर के साथ एक डिस्प्ले लगाया जाएगा। उसमें कंज्यमर्स के एक साल में यूज की गई बिजली का पूरा रिकार्ड डिस्प्ले में सेव रहेगा। कंज्यूर जब चाहे इस रिकॉर्ड को देख सकता है। साथ ही कंज्यूमर बिजली की डेली खपत पर भी नजर रख सकता है और उसे कंट्रोल कर सकता है।

नहीं कर पाएंगे बाईपास

महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई एसपी पांडेय का कहना है कि जिस घर में भी प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा, उस घर में बिजली चोरी की संभावना पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। जिस भी घर में यह मीटर लगेगा वहां सप्लाई के लिए बिजली विभाग आर्मड केबल का यूज करेगा। इस केबल की खासियत है कि इसे बीच से काटा नहीं जा सकता है। अगर कोई कोशिश करता है तो फॉल्ट होने से बिजली गुल हो सकती है।

पहले चरण में लगेंगे भ् हजार प्रीपेड मीटर

सिटी में कुल क् लाख ब्ख् हजार बिजली कंज्यूमर्स हैं। इसमें लगभग क्0 हजार कंज्यूमर्स सरकारी आवास वाले हैं। पहले चरण के अंतर्गत ब्000 सरकारी आवास वाले कंज्यूमर्स पर ये मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा क् हजार प्रीपेड मीटर मोबाइल टावर्स और एटीएम में लगाए जाएंगे। इसमें भी मोबाइल टावर्स प्राथमिकता में रहेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सिटी के अधिकांश टावर्स पर क् से ख् लाख रुपए का बकाया हो जाता है। वे बिल तभी जमा करते हैं जब उनकी बिजली काटी जाती है।

यह होगा फायदा

-कंज्यूमर को एक साल की बिजली खपत का रिकॉर्ड मिल जाएगा।

-उसे बिजली विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाने नहींपड़ेगे।

-साथ ही वह डेली खपत पर नजर रखकर उसे कंट्रोल कर सकेगा।

-क्भ् परसेंट तक बिजली चोरी रुकेगी।

-मीटर लगाने के दौरान जो केबल यूज की जाएगी उसे काटने या छेड़छाड़ करने पर फॉल्ट हो सकता है।

-बिजली बिल जमा करने के लिए बिलिंग सेंटर्स के चक्कर नहींलगाने पड़ेंगे।

सिटी में प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है। पहले चरण में भ् हजार मीटर सरकारी भवनों और टावर्स पर लगाए जाएंगे। यह बिजली चोरी और अधिक से अधिक राजस्व वसूलने के लिए किया जा रहा है।

एसपी पांडेय, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम