- अगले माह से जनरल टैक्स लगाने की तैयारी में है नगर निगम
- खाली प्लॉट पर भी पब्लिक से होगी टैक्स की वसूली
GORAKHPUR: नगर निगम सीमा के अंदर रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है। खासतौर पर उनकी जिन्होंने जमीन खरीद ली है, लेकिन अब तक उस पर कोई इमारत नहीं खड़ी की है। ऐसे लोगों से भी अब नगर निगम टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है। अगर आप रहने के लिए सपना देख रहे हैं, तो जेब ढीली भी करने के लिए तैयार हो जाइए। जून से नगर निगम शहर में सामान्य कर निर्धारण प्रणाली लागू कर देगा। जिससे लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा।
सर्किल रेट पर लगेगा टैक्स
इस बार नगर निगम जनरल टैक्स निर्धारण में सर्किल रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रबीस चंद का कहना है कि अभी तक स्वकर प्रणाली से टैक्स का निर्धारण हुआ करता था। इसमें मकान मालिक अपना लैंड एरिया और उसके बाद अपने कवर्ड एरिया के बारे में जानकारी देता था। इस पर नगर निगम उन इलाकों में अपने सर्किल रेट के हिसाब से टैक्स लगाता था, लेकिन अब व्यवस्था को थोड़ा मॉडिफाई करते हुए नगर निगम ने प्रशासन के सर्किल रेट के हिसाब से उन मकानों पर सर्किल रेट और टैक्स लगाएगा।
सिर्फ कवर्ड एरिया पर लगता था टैक्स
रबीस चंद का कहना है कि शहर में अभी तक केवल स्वकर प्रणाली से टैक्स का निर्धारण हुआ था। इसमें घर के कवर्ड एरिया पर ही टैक्स लगाया जाता था। खाली जमीन या प्लॉट पर नगर निगम टैक्स नहीं लगाता था। मगर इस बार नगर निगम ने गोरखपुराइट्स की जेबें ढीली कराने का एक नया नुस्खा ढूंढ लिया है। पहली बार शहर के खाली प्लॉट्स पर भी टैक्स लगाया जाएगा। इसकी दर 10 पैसा प्रति वर्ग फीट तय की गई है। उन्होंने बताया कि जून माह में कर्मचारी पूरे शहर में खाली प्लॉट्स की तलाश करेंगे। उसके बाद प्लॉट के मालिक को नोटिस दिया जाएगा। नोटिस के 15 दिन बाद प्लॉट का टैक्स लगा दिया जाएगा। इस नोटिस का मतलब नगर निगम का केवल यह है कि मालिक को जानकारी देना कि उनके खाली प्लॉट पर टैक्स लगाया जा रहा है।
खुद देते थे जानकारी
नगर निगम में टैक्स देना पब्लिक के लिए बहुत आसान था। पहले लोग स्वकर प्रणाली से टैक्स का निर्धारण करवाते थे। इसमें पब्लिक जमीन और मकान की जानकारी खुद देती थी। उदाहरण के लिए शहर के किसी एरिया में किसी व्यक्ति की 1000 वर्ग फीट जमीन है। उसने 700 वर्ग फीट जमीन पर घर बनवाया है। 700 वर्ग फीट पर घर बनाने के बाद भी कुछ लोग स्वकर प्रणाली में केवल 500 वर्गफीट की जानकारी देकर टैक्स दिया करते थे। इससे विभाग को नुकसान उठाना पड़ता था। पब्लिक को अपने घर में दो हिस्सों में टैक्स देना पड़ेगा। अगर किसी का घर 1000 हजार फीट है तो मालिक को एक टैक्स 700 वर्ग फीट पर और दूसरा 300 वर्ग फीट पर देना होगा। इसमें 700 वर्ग फीट पर नगर निगम सर्किल रेट के हिसाब से टैक्स लगेगा, जबकि 300 वर्ग फीट पर 10 पैसा प्रति वर्ग फीट से टैक्स वसूला जाएगा।
आय में पांच गुना होगी वृद्धि
नगर निगम के इस पैंतरे से जहां पब्लिक की जेब ढीली होगी, वहीं दूसरी ओर नगर निगम की आय पांच गुना बढ़ जाएगी। टैक्स विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि अभी तक नगर निगम हर साल करीब 44 करोड़ रुपए टैक्स वसूली करता आया है। इस नई टैक्स व्यवस्था के लागू हो जाने से नगर निगम को कम से कम 150 करोड़ से अधिक आय हो जाएगी।
कब-कब हुआ है टैक्स रिवाइज
- 1984 में नगर निगम बनने के पहले जनरल इसेस्टमेंट के तहत टैक्स लगाया गया था
- 2003 में नगर निगम के तहत स्वकर प्रणाली लागू किया
- 2012 में प्रदेश सरकार के आदेश पर टैक्स रिवाइज किया
टैक्स निर्धारण की संख्या
- अभी तक नगर निगम शहर में 1.29 लाख घरों पर टैक्स लगाया है
- इसमें लगभग 56 हजार घरों पर हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स दोनों वसूला जाता है।
- शहर में केवल 16 हजार घरों से नगर निगम को हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स और सीवर टैक्स मिलता है।