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जिले में इतने माध्यमिक स्कूल
- 117 सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज हैं जिले में
19 राजकीय इंटर कॉलेज हैं जिले में
290 वित्त विहीन विद्यालय है जिले में
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इतने छात्र हैं माध्यमिक स्कूलों में
2.56 लाख छात्र हैं कक्षा 6 से 8वीं तक के
3.25 लाख छात्र हैं कक्षा 9 से 12वीं तक के
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यह होंगे फायदे
- टीचर्स को बच्चों के पैरेंट्स से उनके बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।
- पैरेंट्स को बच्चों की कमियों के बारे में टीचर्स से जानकारी मिल सकेगी।
- टीचर सुझाव भी देंगे कि कैसे पैरेंट्स अपने बच्चे को सुधार सकते हैं।
- पैरेंट्स को बताएंगे कि कैसे वे अपने बच्चे को एक अच्छे वातावरण के साथ-साथ अच्छी शिक्षा दिलाने में स्कूल प्रशासन की मदद कर सकते हैं।
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- प्राइवेट स्कूलों की तरह अब उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भी होगी पीटीएम
- शासन की तरफ से डीआईओएस को आया है निर्देश, सेकेंड सैटर्डे को होगी मीटिंग
द्दश्रह्मड्डद्मद्धश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद अपने विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने के लिए नई-नई योजनाएं बना रहा है। लगातार प्राइवेट स्कूलों का अनुसरण करते हुए उनकी योजनाओं में कुछ फेरबदल कर गवर्नमेंट स्कूलों में लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में अब शासन की ओर से निर्देश जारी हुआ है कि माध्यमिक स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों की तरह पीटीएम यानी पैरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए हर महीने के सेकेंड सैटर्डे का समय तक किया गया है। यह प्रक्रिया इसी सत्र से स्टार्ट कर दी जाएगी।
बच्चों के कारनामे जानेंगे पैरेंट्स
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे घर से स्कूल जाने की बात कहकर निकलते हैं लेकिन स्कूल नहीं पहुंचते हैं। इस तरह की शिकायत अक्सर राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, एमपी इंटर कॉलेज, एमजी इंटर कॉलेज के अलावा एमएसआई इंटर कॉलेज प्रशासन के सामने आती है। लेकिन ज्यादातर बच्चों के पैरेंट्स को इस बात की जानकारी नहीं हो पाती। अब पैरेंट्स टीचर मीटिंग में टीचर बच्चों की शिकायत उनके पैरेंट्स से कर सकेंगे।
तीन घंटे की होगी मीटिंग
शासन की तरफ से डीआईओएस को जारी किए गए दिशा निर्देश के मुताबिक, माध्यमिक स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग के लिए सेकेंड सैटर्डे का दिन डिसाइड किया गया है। इसके तहत हर महीने के सेकेंड सैटर्डे को स्कूलों में मीटिंग करनी होगी। कम से कम तीन घंटे की मीटिंग जरूरी होगी। यह मीटिंग कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों के पैरेंट्स व टीचर के बीच होगी।
स्कूल ने की थी पहल
गोरखपुर के सरकारी व गैर सरकारी इंटर कॉलेजों में विद्यालय प्रबंधन स्तर पर पैरेंट्स टीचर मीटिंग करने की पहल की जा चुकी है लेकिन जागरूकता के अभाव में यह प्रयोग सफल नहीं हो सका। शासन की मंशा है कि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर माध्यमिक स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग कराकर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने में टीचर्स और पैरेंट्स दोनों ही अपना रोल अदा करें।
वर्जन
पैरेंट्स टीचर मीटिंग से निश्चित तौर पर स्टूडेंट्स और पैरेंट्स दोनों को ही लाभ मिलेगा। बच्चे के भीतर की कमियों को उनके पैरेंट्स के सामने रखने के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म होगा। मीटिंग के संबंध में स्कूलों को सूचित किया जाएगा। साथ ही स्कूलों को पैरेंट्स को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
- एएन मौर्य, डीआईओएस