- आई नेक्स्ट की खबर के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को भी हुआ गलती का अहसास

- गवर्नर के हाथों मिलेगा सिर्फ गोल्ड, नेक्स्ट डे दिए जाएंगे मेमोरियल मेडल

GORAKHPUR :

लाखों की भीड़ में टॉपर्स के करीब मा‌र्क्स स्कोर करने के बाद भी किनारे रह जाने वाले स्टूडेंट्स के साथ अब अन्याय नहीं होगा। गोल्ड मेडल पाने वालों की भीड़ में भी अब वह न तो अलग नजर आएंगे और न ही उन्हें कमतर समझा जाएगा। आई नेक्स्ट की खबर 'मेहनत तो इन्होंने भी की है' के पब्लिश होने के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को भी इस बात का अहसास हो गया। उन्होंने गोल्ड मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स को बराबरी का हक देने के इरादे से कनवोकेशन में मिलने वाले मेमोरियल मेडल को नेक्स्ट डे देने का फैसला किया है। जिससे टॉपर्स के बराबर स्कोर करने वालों को अब उतना ही सम्मान मिलेगा, जिसके वह हकदार हैं।

पहले सिर्फ एक मेडल से करना पड़ता था संतोष

यूनिवर्सिटी में टॉपर्स के करीब मा‌र्क्स स्कोर करने के बाद भी कुछ सब्जेक्ट्स के स्टूडेंट्स सिर्फ क् मेडल मिलता है। वहीं दूसरे सब्जेक्ट्स में उनसे कम मा‌र्क्स हासिल करने वाले स्टूडेंट्स के खाते में ख्-फ् मेडल आ जाते थे। यह किसी और वजह से नहीं बल्कि एल्युमिनस की मेहरबानी से मिलने वाले मेमोरियल मेडल की वजह से होता है। कुछ सब्जेक्ट्स के एल्युमिनस तो अपने सब्जेक्ट्स और स्टूडेंट्स पर काफी मेहरबान हैं। इन सब्जेक्ट्स में एक-दो नहीं बल्कि पांच-पांच मेडल मिल जाते हैं। वहीं कुछ सब्जेक्ट्स में सभी क्वालिटी रखने के बाद भी किसी एल्युमिनस की मेहरबानी न होने की वजह से यूनिवर्सिटी का ही मेडल दिया जाता है।