गोरखपुर (ब्यूरो)।वर्ष 2006 में ठेकेदारी के विवाद में पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने हुए गोलीकांड में माफिया विनोद उपाध्याय के साथी रिंपुजय राय और देवरिया के सत्येंद्र की मौत हुई थी। दिनदहाड़े हुई घटना से पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी।
2010 में कर दी हत्या
कैंट थाने में दर्ज हुए मुकदमें की विवेचना सीबीसीआईडी ने की थी। आरोपपत्र में माफिया अजीत शाही व पवन सिंह, संजीव सिंह व इंद्रकेश पांडेय का नाम है। वहीं, सुधीर सिंह ने वर्ष 2010 में कन्हई प्रसाद की हत्या कर दी थी। इस मुकदमें की विवेचना भी सीबीसीआईडी ने की थी। कैंट थाने में वर्ष 1996 में बांसगांव के सीईताल निवासी रामानंद की हत्या कर दी गई। इस मुकदमें की विवेचना सीबीसीआईडी ने की थी। आरोप पत्र दाखिल करने के बाद अधिकारी न्यायालय में पैरवी कर रहे थे। 22 मार्च 2023 को मुकदमें में आरोपित बनाए गए मधुसूदन शुक्ल, प्रतापति शुक्ल, गिरजाशंकर पांडेय व देवीशरण यादव को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 2 में आजीवन कारावास की सजा दी।
कोर्ट में विचाराधीन मामले
जिला सत्र न्यायालय अधीनस्थ न्यायालय
गोरखपुर 19 53
देवरिया 07 123
कुशीनगर 07 49
महराजगंज 13 13
बस्ती 10 21
संतकबीरनगर 05 05
सिद्धार्थनगर 02 13
गोंडा 05 31
अयोध्या 15 71
श्रावस्ती 04 01
बहराइच 03 17
बलरामपुर 05 05
अंबेडकरनगर 03 18
आजमगढ़़ -- 09
मऊ -- 01
कुल 98 430
किस जिले में कितने मामले
गोरखपुर 72
देवरिया 130
कुशीनगर 56
महराजगंज 26
बस्ती 31
संतकबीरनगर 10
सिद्धार्थनगर 13
गोंडा 36
अयोध्या 80
श्रीवस्ती 05
बहराइच 20
बलरामपुर 10
अंबेडकरनगर 21
आजमगढ़ 09
मऊ 01
आरोपितों को सजा दिलाने के लिए 528 मामलों की विवेचना पूरी होने के बाद सीबीसीआईडी मेंं तैनात इंस्पेक्टर व दारोगा न्यायालय में पैरवी कर रहे हैं। कई मामलों में सफलता मिली है।
- रचना, अपर पुलिस अधीक्षक, सीबीसीआईडी