गोरखपुर (ब्यूरो)। यह आर्मर्ड केबल निगम ही कंज्यूमर्स को सस्ते दर पर मुहैया कराएगा। इस सर्विस केबल की खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार का कोई कट आसानी से नहीं लग सकेगा। इतना ही नहीं यदि किसी प्रकार से केबल को काटने का प्रयास हुआ तो उसमें फाल्ट होने की संभावना बन जाएगी।

गाइडलाइन जारी

पॉवर कॉर्पोरेशन ने प्रदेश के सभी जोन के इंजीनियर्स को पत्र भेजकर झटपट पोर्टल के माध्यम से आने वाले आवेदनों पर आर्मर्ड केबल लगाए जाने के संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इंजीनियर्स व विजिलेंस टीम अक्सर बिजली चोरी रोकने के लिए औचक चेकिग करने जाती है। इसमें कई बार मिलता है कि कंज्यूूमर या अन्य ने मीटर से पहले सर्विस केबल को काटकर बिजली चोरी की जा रही है। ऐसे में निगम को आर्थिक चपत लगती है। अब नई व्यवस्था में केबल में कट लगाना असंभव सा होगा।

पत्ती से पैक केबल

इंजीनियर्स के मुताबिक आर्मर्ड केबल को आसानी से नहीं काटा जा सकता है। केबल लोहे की पत्ती या तार के अंदर पैक होता है। उसके उपर प्लास्टिक या रबर की मोटी परत चढ़ी रहती है। ऐसे में करंट की कोई संभावना नहीं रहेगी।

कनेक्शन के साथ ही लगे केबल

नए कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। पोर्टल पर आवेदन के बाद निगम द्वारा पूरी जांच प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके बाद कंज्यूमर के नाम से मीटर व केबल निर्धारित हो जाएगा। प्रत्येक माह शहरी क्षेत्र में करीब एक हजार से 1500 नए कनेक्शन जारी होते है। करीब दो हजार आवेदन आते है। इनमें से कुछ अलग-अलग कारणों से निरस्त हो जाते है।

बिजली चोरी रोकने के लिए पॉवर कॉर्पोरेशन ने नए कनेक्शनों पर आर्मर्ड केबल लगाना अनिवार्य किया है। इस केबल में कट लगाना आसान नहीं होगा। यदि इसमें कट लगाने का प्रयास किया तो केबल में फाल्ट हो जाएगा। ऐसे मे बिजली चोरी का आसानी से पता लग जाएगा।

ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर