गोरखपुर (ब्यूरो)। बिजली निगम ने हाईटेंशन तार के नीचे मकान निर्माण कराने वाले करीब एक दर्जन लोगों के विरुद्ध नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया है। हालांकि, सवाल यह भी उठ रहा है कि निर्माण के दौरान बिजली निगम के अफसर कहां थे और इन मकानों में बिजली के कनेक्शन कैसे दे दिए गए?

ग्रामीणों ने किया था प्रदर्शन

बरहुआ ट्रांसमिशन से 33 केवीए विद्युत उपकेंद्र जुडिय़ान सहजनवां व घासघरा को पोषित उक्त हाईटेंशन लाइन के नीचे बडग़हन गांव डिहवा टोला में वेद प्रकाश पांडेय, श्रीराम, धनुषधारी, जयचंद, रामकेश, रविंद्र, सोनू, फुलवास, शिवनाथ ने मकान निर्माण कर लिया है। हाईटेंशन लाइन 40 साल से है, लेकिन मकान निर्माण बाद में हुआ। मकान बनाने वालों को बिजली विभाग ने नोटिस भेजा है। साथ ही अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अभियंता ने तहरीर भी दी है। कुछ दिन पूर्व ग्रामीणों ने प्रदर्शन करके बिजली विभाग से तार हटाने की मांग की थी।

थाने में दी तहरीर

गीडा सेक्टर 5 सहित आसपास के एरिया में लोग सस्ती जमीन खरीदकर हाईटेंशन तार के नीचे मकान बनवा रहे हैं। ऐसे लोगों को धारा 161 के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है। वहीं, अभियंता सहजनवां प्रथम द्वारा गीडा थाना में तहरीर देकर अवैध निर्माण करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है।

कठघरे में बिजली निगम

हाईटेंशन लाइन के नीचे अवैध निर्माण होता रहा और बिजली निगम सोता रहा। जबकि लोगों को कनेक्शन भी दे दिए गए। जेई और एसडीओ की ओर से बिना जांच के ही कनेक्शन जारी कर दिए गए। अब विभाग पब्लिक को ही दोषी मान रही है। जबकि इस मामले में विभाग भी उतना दोषी है, जिनता कि अवैध निर्माण करने वाले। बिजली विभाग का कहना है कि पुरानी लाइन है। यदि विभाग समय से एक्टिव होता तो यह नौबत नहीं आती। पुरानी गलतियों में सुधार किया जा रहा है।

हाईटेंशन लाइन के नीचे अवैध निर्माण नियम विरुद्ध है। प्रापर्टी डीलर ने सस्ते रेट पर जमीन बेच दी। बिना सोचे समझे लोगों ने जमीन खरीद कर मकान बनवा लिया। जो गलत है। सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें नोटिस दी गई है।

आशु कालिया, चीफ इंजीनियर

अवैध अतिक्रमण करने वाले के विरुद्ध नोटिस जारी करते हुए स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है। यदि कोई भी लाइन के नीचे अबैध निर्माण करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सोमनाथ शर्मा, अधिशासी अभियंता

इस संबंध में प्रार्थना पत्र आया था। विद्युत संबंधी प्रकरण के लिए ही विद्युत थाना स्थापित है।

रतन पांडे, थाना प्रभारी गीडा