- सीएमओ के आदेश पर जांच शुरू, जांच हुई तो नर्सिग होम्स में मिली कमियां
- जांच के बाद रिपोर्ट तलब करने का आदेश
GORAKHPUR: सीएमओ के निर्देश पर नर्सिग होम्स के खिलाफ अभियान शुरू हुआ। इसमें अब तक की हुई जांच में जिले के दस नर्सिग होम मानक की कसौटी पर फेल पाए गए हैं। इनके संचालकों को नोटिस जारी कर मानक पूरा करने और सही सूचना देने को कहा गया है। सीएमओ की ओर से कराई गई जांच में अब तक एक भी नर्सिग होम ऐसा नहीं मिला, जो मानक की कसौटी पर खरा उतरा हो। ऐसे में अब यह तय किया गया है कि वेरिफिकेशन में जो नर्सिग होम सही पाए जाएंगे,उन्हीं का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
नर्सिग होम का वेरिफिकेशन शुरू
लंबे समय बाद सीएमओ डॉ। रवींद्र कुमार ने नर्सिग होम का वेरिफिकेशन शुरू कराया है। अब तक नर्सिग होम जो सूचनाएं दे देते थे, उसी के आधार पर उनका रजिस्ट्रेशन कर दिया जाता था। उनका भौतिक सत्यापन नहीं कराया जाता था। मगर अब इस पर सख्ती करते हुए सीएमओ ने कड़ा रुख अपनाया है। सीएमओ ने मातहतों को निर्देशित किया है कि सत्यापन करने के बाद ही रजिस्ट्रेशन किया जाए।
जांच के दौरान मिली खामियां
नोडल अफसर डॉ। नीरज ने जब वेरिफिकेशन शुरू किया तो खामियां भी सामने आने लगीं। किसी नर्सिग होम में आईसीयू तो मिला, मगर उसे चलाने के लिए डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध नहीं मिले। रिकॉर्ड में पैथोलॉजिस्ट कोई और तो मौके पर कोई और मिला। इतना ही नहीं बेड की संख्या भी गलत पाई गई। इसको देखते हुए सीएमओ ने खासी नाराजगी जाहिर की।
दस नर्सिग होम की जांच की जा चुकी है। जहां भी कमी मिली है, उन सभी को नोटिस जारी किया गया है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
डॉ। नीरज, डिप्टी सीएमओ/नोडल अधिकारी