अब सभी व्हीकल नहीं जा सकेंगे चारों धाम
- सुरक्षित यात्रा के मद्देनजर व्हीकल के साथ रहेंगी कई रिस्ट्रिक्शंस
- उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने सभी को भेजा लेटर
- अप्रैल के लास्ट वीक से शुरू होगी चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा
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GORAKHPUR : अप्रैल के लास्ट वीक से शुरू होने वाली चारों धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अलर्ट होने की जरूरत है। वह अगर चारों धाम की यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो इसके लिए उन्हें थोड़ा कांशस होकर अपनी जर्नी प्लान करनी होगी। ऐसा न करने की कंडीशन में उन्हें यात्रा के दौरान बीच से ही वापस लौटना पड़ सकता है। उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कमिशनर ने सेफ जर्नी के मद्देनजर टू व्हीलर, हेवी और बड़ी व्हीकल पर पाबंदी लगा दी है, जिसकी वजह से कई लोगों की प्लानिंग पर पानी फिर सकता है। उन्होंने सभी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को लेटर भेजकर इस बारे में इंफॉर्मेशन भी दे दी है, जिससे कि कनवेंस बुक करने वालों को बाद में कोई प्रॉब्लम न फेस करनी पड़े।
किसी हालत में नहीं एंटर करेंगी हेवी व्हीकल
देहरादून के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने भेजे गए लेटर में यह साफ किया है कि सभी धामों तक जाने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट ही मुख्य साधन है। तीर्थयात्रा के दौरान रोड पर ट्रैफिक काफी बढ़ जाता है। स्टेट की भौगोलिक कंडीशन को देखते हुए व्हीकल को लेकर कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत मानक से बड़ी व्हीकल का संचालन किसी भी हाल में पॉसिबल नहीं है। इस तरह भारी व्हीकल, डबलडैकर ट्रक के साथ टू व्हीलर की एंट्री पर भी बैन रहेगा।
तय किए गए हैं यह मानक -
क्। उत्तराखंड में पर्वतीय मार्ग पर बड़ी गाडि़यों में मैक्सिमम क्म्म् इंच व्हील बेस और ख्भ्0 सेमी चौड़ी गाडि़यां ही कर सकेंगी एंटर
ख्। भार वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से बैन रहेगा।
फ्। लास्ट इयर आई दैवीय आपदा के मद्देनजर इस बार भी यात्रियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
ब्। यात्रा की शुरुआत के दौरान स्टार्टिग प्वाइंट से ही वहां जाने वाली गाडि़यों पर रोक लगेगी।
भ्। गाडि़यों में लगे टेपरिकॉर्डर, सीडी प्लेयर, म्यूजिक सिस्टम ड्राइवर से दूर होने चाहिए
म्। पर्वतीय रास्ते काफी ढालदार हैं। इसकी वजह से गाडि़यां पार्क करते वक्त टायरों के पीछे लकड़ी का गुटका या रोक लगाना जरूरी है।
7. कॉमर्शियल व्हीकल में लकड़ी का गुटका रखना मस्ट है।
सुरक्षित यात्रा के मद्देनजर उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कुछ मानक तय किए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार को भी लेटर भेजा है। इसके बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार की बात भी की गई है।
- डॉ। अनिल कुमार गुप्ता, आरटीओ एनफोर्समेंट