गोरखपुर (ब्यूरो)। सिद्धार्थनगर के उसका बाजार पनिहवा की सावित्री देवी छह माह से गहने चोरी कर राजघाट के घंटाघर हांसूपुर के स्वर्ण व्यवासयी बाप-बेटे के पास गिरवी पर रख रही थी। मंगलवार को पुलिस ने महिला और व्यवसायी अशोक कुमार व बेटा अंशु कुमार को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया। तीनों के पास से छह लाख के गहने बरामद हुए। पुलिस ने तीनों को न्यायायल में पेश कर जेल भेज दिया।
सीसीटीवी ने खोले राज
पुलिस कार्यालय में घटना का पर्दाफाश करते हुए एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई व एएसपी/सीओ कैंट अंशिका वर्मा ने बताया कि अरविंद कुमार अपनी पत्नी तुलिका त्रिपाठी और दो बच्चों के साथ सहारा एस्टेट में रहते हैं। इनके यहां एक वर्ष आरोपित महिला काम कर रही थी। 10 फरवरी को दंपत्ति को कहीं जाना था, उनकी पत्नी ने गहने पहनने के लिए आलमारी खोला तो गहने गायब मिले। सीसी कैमरा देखा तो पता चला कि काफी दिनों से अलग-अलग समय पर कैमरा बंद मिला। इसके बाद अरविंद ने खोराबार थाने में तहरीर दी। पुलिस केस दर्ज कर जांच शुरु की तो सावित्री देवी का नाम सामने आया।
पहले विश्वास जीता फिर चोरी
सावित्री को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी शादी हो चुकी है। पति और उसके बेटे मुंबई में रहकर काम करते हैं। वर्ष 2016 से वह गोरखपुर में लिव इन में रह रही थी। बीच-बीच में वह अरविंद के यहां काम करने आती थी और चली जाती थी। एक वर्ष से लगातार सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक रहकर काम कर रही है। भरोसा होने पर जब पति-पत्नी पढ़ाने जाते थे तो उसे चाभी देकर जाने लगे। इसी का फायदा उठाकर वह आलमारी से गहने चोरी कर गांव जाने के लिए दो दिन की छुट्टी लेती थी। एसपी सिटी ने बताया कि अन्य गहनों के बारे में पता लगाया जा रहा है। कुछ गहने सोसाइटी में भी गिरवी पर रखे गए हैं।