- सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता होने की वजह से अब तक नहीं दर्ज हो सकी एफआईआर
- आरपीएफ महिला एसआई को दिया था धक्का, आरपीएफ ने भांजी थी लाठियां
GORAKHPUR : मजबूरी क्या नहीं करवाती। इसका जीता जागता सबूत है आरपीएफ की हालिया कार्रवाई, जिसमें सबकुछ जानते हुए भी वह अभियुक्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में नाकाम हैं। गुजरात में लगी सीएम अखिलेश यादव की विकास योजनाओं की होर्डिग को उतरवाने के लिए ब् जनवरी को हुआ विरोध-प्रदर्शन एक बड़े बवाल में तब्दील हो गया। इसमें जहां सपा के कार्यकर्ताओं को हॉस्पिटलाइज होना पड़ा, वहीं दूसरी ओर आरपीएफ की महिला एसआई ट्रेन के नीचे आने से बाल-बाल बची। इन सबके बाद भी किसी के नाम नामजद मुकदमा दर्ज नहीं हो सका।
सामने की थी बदसलूकी
होर्डिग को उतरवाने के लिए हुआ विरोध प्रदर्शन संडे को एक बड़े बवाल में तबदील हो गया। ट्रेन को दोबारा रोकने और पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने की कोशिश कर रहे सपाईयों को रोकने के लिए उनके और आरपीएफ के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। इस दौरान कार्यकर्ताओं का विरोध इस कदर बढ़ गया कि उन्होंने मौके पर मौजूद महिला एसआई का धक्का दे दिया, जिससे वह ट्रेन से टकराकर गिर गई। इसके बाद मामले बिगड़ गया, जिसको कंट्रोल करने के लिए आरपीएफ को लाठियों का सहारा लेना पड़ा।
कहीं कोई दबाव तो नहीं
भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हुए लाठीचार्ज?में सपा के भ् कार्यकर्ता घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संडे से अब तक आरपीएफ इस मामले में इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी है, मगर इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। अलबत्ता अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। कार्रवाई की रफ्तार से ऐसा लगता है कि या तो आरपीएफ उनके ऊपर कार्रवाई नहीं करना चाहती है, या इसके लिए उनपर किसी तरह का दबाव पड़ रहा है।