- नौतनवां रूट पर केवल दो ट्रेंस में चल रही है स्कॉर्ट टीम, बाकी भगवान भरोसे
- नहीं होती पैसेंजर्स और लगेज की चेकिंग
GORAKHPUR: रेलवे के जिम्मेदारों की लापरवाही कभी भी गोरखपुर के लोकल रूट पैसेंजर्स के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। उनके द्वारा बॉर्डर एरिया की ट्रेंस को चेक करने का कोई प्लान ही तैयार नहीं किया गया है। तभी तो हाल ये कि गोरखपुर-नौतनवां रूट की आठ ट्रेंस बिना स्कॉर्ट टीम ही दौड़ाई जा रही हैं और एनईआर के जिम्मेदार हैं कि बेखबर बने हुए हैं।
लापरवाह जिम्मेदार, नहीं होती चेकिंग
नेपाल बॉर्डर से निकलने वाले लोग इंडिया में आकर नौतनवा से ट्रेन पकड़ते हैं। नौतनवां रूट पर दिन-भर में लगभग 8 से 10 टे्रंस अप-डाउन करती हैं। जिससे लगभग 10 हजार पैसेंजर्स गोरखपुर आते हैं। लेकिन इनमें ज्यादातर ट्रेंस में स्कॉर्ट टीम ना चलने के कारण इन पैसेंजर्स की कोई तलाशी नहीं हो पाती जो रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
केलव दो ट्रेंस में स्कॉर्ट टीम
नौतनवां से आने वाली एक ट्रेन में लगभग एक हजार पैसेंजर्स आते हैं। इस रूट पर चलन वाली हमसफर और इंटरसिटी को छोड़कर बाकी ट्रेंस में स्कॉर्ट टीम तैनात नहीं की गई है जिससे कभी भी बड़े खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बॉक्स
प्लेटफॉर्म पर भी नहीं सुरक्षा के इंतजाम
नौतनवां रूट की सारी टे्रंस 9 नंबर प्लेटफॉर्म पर आती हैं जहां पर कैब-वे भी बना हुआ है। कोई भी टेंपो-कार अब प्लेटफॉर्म तक आती-जाती हैं और इनकी कोई चेकिंग भी नहीं होती है। जिससे बॉर्डर एरिया की ट्रेन से उतर कोई भी संद्धिग्ध बड़ी आसानी से शहर के अंदर प्रवेश कर सकता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने शुक्रवार को रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 9 के सुरक्षा की जांच की तो यहां कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा। धर्मशाला की तरफ से वाहन स्टैंड के बैरियर पर रसीद कटवाकर आसानी से लोग बेरोकटोक आ-जा रहे थे। वहीं कुछ टैंपो चालकों ने तो प्लेटफार्म को ही स्टैंड बना दिया था।
गोरखपुर से होकर आने-जाने वाली ट्रेंस - 140
गोरखपुर से बनकर चलने वाली टे्रंस - 20
प्लेटफॉर्म पर हर दिन आने वाले पैसेंजर्स की संख्य ा- 70 हजार
प्लेटफॉर्म - 9
वर्जन
बहुत जल्द सुरक्षा का अच्छा बंदोबस्त कर लिया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। जिसमें गाडि़यों की चेकिंग के लिए व्हीकल स्कैनर की मांग भी की गई है। इसके साथ ही सुरक्षा के अन्य इंतजामों को भी बढ़ाया जाएगा। ट्रेंस में भी स्कॉर्ट टीम बढ़ाई जाएगी।
- राजाराम, आईजी रेलवे