-वर्ल्ड क्लास स्टेशन को है फैसिलिटी की दरकार
- गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 1-2 के अलावा पैसेंजर्स के बैठने के लिए नहीं है प्रॉपर फैसिलिटी
- बैठने के लिए पैसेंजर्स को लेना पड़ता है अपने सामान का सहारा
GORAKHPUR : गोरखपुर जंक्शन, आज स्टेशन का यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का तमगा हासिल कर इस स्टेशन ने दुनिया में झंडे बुलंद कर लिए हैं, लेकिन वर्ल्ड रिकॉर्ड अपनी झोली में डाल चुके इस स्टेशन की हकीकत पर निगाह डालें तो यह शर्मसार करने वाली है। दुनिया में अपने नाम का डंका बजा चुके इस स्टेशन पर आने वाले पैसेंजर्स बेसिक फैसिलिटी के लिए तरस रहे हैं। प्लेटफॉर्म नंबर क् और ख् को छोड़ दें तो किसी भी प्लेटफॉर्म पर बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक नहीं है। रेल एडमिनिस्ट्रेशन भी तरह-तरह के दावे करता आया है, लेकिन इसे हकीकत में बदल पाने में वह अब तक नाकाम रहा है। गोरखपुर से गुजरने वाले मायूस पैसेंजर्स की निगाह अब थर्सडे को डिक्लेयर होने वाले रेल बजट पर टिक गई हैं, जहां उन्हें यह उम्मीद है कि रेल मिनिस्टर कुछ करें न करें, लेकिन पैसेंजर्स को बेसिक फैसिलिटी तो जरूर मुहैया कराएंगे और यहां से गुजरने वाले मुसाफिरों को बुनियादी फैसिलिटी तो जरूर ही मिलेगी। जब आई नेक्स्ट ने वर्ल्ड क्लास स्टेशन में सबसे जरूरी बैठने की जगह तलाशी, तो प्लेटफॉर्म क् और ख् को छोड़कर बाकी कहीं पर्याप्त फैसिलिटी नजर नहीं आई।
डेली एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचते हैं स्टेशन
गोरखपुर जंक्शन यूटीएस, पीआरएस, एमएसटी और जेटीबीएस के आंकड़ों के हिसाब से करीब 70 से 7भ् हजार पैसेंजर्स टिकट परचेज करते हैं। वहीं इन्हें छोड़ने और किसी को रिसीव करने के लिए आने वाले लोगों को काउंट कर यह आंकड़ा डेली क् लाख के पार पहुंच जाता है। वहीं गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बैठने की व्यवस्था की बात करें तो एक और दो को छोड़कर यहां के 7 प्लेटफॉर्म पर क्7म् बेंच व चबूतरे हैं, जिनपर एक बार में करीब 700-800 लोगों के लिए बैठने का स्पेस मौजूद है। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर एक बेंच पर एक आदमी ऑन एन एवरेज फ्0 मिनट बैठता है, तो क्7म् बेंचेज पर एक घंटे में क्ब्00-क्म्00 लोग और ख्ब् घंटे में फ्फ्म्00-फ्8ब्00 लोग बैठेंगे। इसमें ट्रेन में भीड़ के अकॉर्डिग डाटा थोड़ा वैरी कर सकता है।
प्लेटफॉर्म नंबर फ्-ब्
गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर फ् और ब् से डेली फ्8 ट्रेंस गुजरती हैं। एक ट्रेन में अगर एवरेज भ्00 मुसाफिर सफर करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं तो इस तरह इन प्लेटफॉर्म्स पर करीब क्9000 मुसाफिर डेली आते-जाते हैं। जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने यहां बैठने की व्यवस्था जांची तो दोनों प्लेटफॉर्म पर टोटल ब्म् बेंच ही लगी मिलीं। एक बेंच पर अगर ब् लोग बैठे तो यहां एक वक्त में टोटल क्8ब् लोग ही बैठ सकते हैं। अगर एवरेज एक पर्सन आधा घंटा बैठता है तो एक घंटे में फ्म्8 लोग बैठ सकते हैं, वहीं ख्ब् घंटे में 88फ्ख् लोगों के बैठने की ही व्यवस्था अवेलबल है।
प्लेटफॉर्म नंबर भ्-म्
प्लेटफॉर्म नंबर भ् और म् की बात करें तो इन प्लेटफॉर्म्स से डेली म्0 ट्रेंस गुजर रही हैं। करीब फ्0,000 पैसेंजर्स डेली इस प्लेटफॉर्म पर पहुंचते हैं। आई नेक्स्ट ने जब इन प्लेटफॉर्म्स को स्कैन किया तो यहां पर बैठने के लिए महज फ्0 बेंच ही लगी मिलीं, जिनपर एक वक्त में टोटल क्ख्0 लोग ही बैठ सकते हैं। एवरेज पर निगाह डालें तो एक घंटे में ख्ब्0 और ख्ब् घंटे में भ्7म्0 लोग ही बैठ सकते हैं।
प्लेटफॉर्म नंबर 7-8
इसके बाद आई नेक्स्ट रिपोर्टर प्लेटफॉर्म नंबर 7 और 8 पर पहुंचा। यहां पर बैठने के लिए फ्ख् बेंच लगी मिलीं। वहीं क्9 चबूतरे भी बनाए गए हैं, जिनपर पैसेंजर्स बैठ सकते हैं। एक बेंच पर चार, जबकि एक चबूतरे पर एक वक्त में म् पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते हैं। अगर दोनों को मिलाकर टोटल कैपासिटी की बात करें तो एक वक्त में करीब ख्ब्0 पैसेंजर्स के लिए बैठने की व्यवस्था है। इन प्लेटफॉर्म्स से डेली ब्0 ट्रेंस गुजरती हैं। एवरेज पर निगाह डालें तो करीब ख्0 हजार पैसेंजर्स इस प्लेटफॉर्म से होकर गुजरते हैं। इस तरह से इन प्लेटफॉर्म्स पर एक घंटे में ब्80 और ख्ब् घंटे में क्क्भ्ख्0 पैसेंजर्स बैठ सकते हैं।
प्लेटफॉर्म नंबर 9
स्टेशन के दूसरी ओर लास्ट में पड़ने वाले प्लेटफॉर्म का कमोबेश वही हाल मिला। यहां बैठने के लिए फ्0 बेंच के साथ क्9 चबूतरे भी बनाए गए हैं। इस तरह से प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर बैठने के लिए पैसेंजर्स की टोटल कैपासिटी ख्फ्ब् है। इस प्लेटफॉर्म से डेली ख्फ् ट्रेंस गुजरती हैं, जिसपर करीब क्क्भ्00 पैसेंजर्स आते-जाते हैं। इस तरह प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर एक घंटे में करीब ब्म्8 और ख्ब् घंटे में क्क्ख्फ्ख् पैसेंजर्स आते जाते हैं। इन सब प्लेटफॉर्म्स से कई अहम ट्रेंस भी होकर गुजरती है, जिनमें पैसेंजर्स का आंकड़ा कई गुना बढ़ जाता है। वहीं गोरखपुर से ओरिजिनेट होने वाली ट्रेंस में यह तादाद कई हजार होती है।
प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम मानक के अनुसार स्टेशन पर बेंचेज की तादाद मौजूद है। प्लेटफॉर्म नंबर क् और ख् पर बेंचेज की तादाद बढ़ाई गई है। दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी पैसेंजर्स के मुताबिक बेंचेज बढ़ाने की कार्रवाई भी की जाएगी।
- आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर