गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसा खुद गोरखपुराइट्स का कहना है। गोरखपुर के अस्पतालों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, प्रमुख मार्केट और चौराहों पर पेयजल की उपलब्धता को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एक सर्वे कराया। इसमें लोगों ने कहा, गोरखपुर में सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल उपलब्ध नहीं है। साथ ही ये भी माना कि इसके लिए सरकार, अफसरों के साथ ही पब्लिक भी जिम्मेदार है।

84.9 परसेंट बोले- नहीं है शुद्ध पानी

शुद्ध पानी को लेकर पूछे गए सवाल में 84.9 परसेंट लोगों ने कहा कि सिटी में सार्वजनिक स्थलों पर शुद्ध पानी नहीं पिलाया जा रहा है। हॉस्पिटल, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, प्रमुख चौराहे और यूनिवर्सिटी कहीं भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है।

संकट के लिए पब्लिक भी जिम्मेदार

सिटी में पेयजल के संकट को लेकर पूछे गए सवाल में 54.8 परसेंट लोगों ने कहा कि इसके लिए सरकार, अफसर के साथ ही पब्लिक भी जिम्मेदार है। ऐसा इसलिए क्योंकि सार्वजनिक स्थलों पर लगे वॉटर कूलर पर लोग गंदगी फैला देते हैं या उनको नुकसान पहुंचा देते हैं। इसके बाद फिर सरकार और जिम्मेदार अफसर भी वहां ध्यान नहीं देते। 20.2 परसेंट लोगों ने कहा कि इसके लिए अफसर जिम्मेदार हैं तो 17.3 परसेंट ने कहा कि पेयजल संकट के लिए सरकार जिम्मेदार है। पेयजल की बर्बादी में पब्लिक का भी हाथ रहता है। इसलिए पेयजल संकट के लिए पब्लिक को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।

आईनेक्स्ट सर्वे का रिजल्ट

गोरखपुर में सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल के क्या समुचित प्रबंध हैं?

हां - 14.4 परसेंट

नहीं- 78.8 परसेंट

कह नहीं सहते - 6.7 परसेंट

सार्वजनिक स्थलों पर क्या शुद्ध पानी पिलाया जा रहा है?

हां - 7.5 परसेंट

नहीं - 84.9 परसेंट

पता नहीं - 7.5 परसेंट

यदि पेयजल संकट है तो जिम्मेदार कौन है?

सरकार - 17.3 परसेंट

अफसर - 20.2 परसेंट

पब्लिक - 7.7 परसेंट

उपरोक्त सभी - 54.8 परसेंट

गर्मी का मौसम है। सिटी के ज्यादातर सार्वजनिक स्थलों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है। सरकार और जिम्मेदार अफसरों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।

संजीव त्रिपाठी, असुरन

गोरखपुर में इस समय पानी की समस्या काफी ज्यादा है। सार्वजनिक स्थलों पर कहीं भी शुद्ध पानी नहीं है। घर से पानी लेकर निकलना पड़ रहा है।

अनिकेत सोनकर, गोरखनाथ