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- बेसिक स्कूलों में पुरानी किताबों से ही शुरू हो गई पढ़ाई
- पुराने टेंडर को कर दिया गया है निरस्त, अब जुलाई तक आ पाएंगी नई किताबें
GORAKHPUR: शासन द्वारा सभी चीजों की खरीदारी के लिए ई-टेंडर की व्यवस्था अनिवार्य कर दिए जाने से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अभी नई किताबों के लिए और इंतजार करना होगा। क्योंकि किताबों के टेंडर को निरस्त कर दिया गया है और ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रक्रिया पूरी होने में वक्त लगेगा और जुलाई तक ही स्टूडेंट्स को नई किताबें मिल पाएंगी। हालांकि इस दौरान सत्र शुरू हो जाने से पुरानी किताबों से पढ़ाई हो रही है।
इसलिए रद किया गया टेंडर
मैनुअल प्रक्रिया के तहत धांधली किए जाने और अपनों को टेंडर दिए जाने की शिकायत शासन को मिली थी। इसके बाद शासन ने सभी विभागों में ई-टेंडरिंग को अनिवार्य कर दिया गया। शिक्षा विभाग में भी पुराने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर ई-टेंडर की तैयारी शुरू कर दी गई है।
पुरानी किताबों से ही पढ़ाई
जिलेभर के बेसिक स्कूल के बच्चों के सत्र शुरू हुए एक महीने से ऊपर हो चुके हैं, लेकिन आज भी प्राइमरी स्कूल के 2,66,542 व जूनियर स्कूल के 1,23,053 स्टूडेंट्स पुराने ही किताबों से पढ़ रहे हैं। टीचर्स भी पुराने ही किताब से पढ़ाने को मजबूर हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी किताबों को लेकर परेशान हैं।
13 करोड़ किताबों की होनी है छपाई
बेसिक शिक्षा के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि प्रदेशभर में कुल 1.98 लाख प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले 1.96 करोड़ बच्चों के लिए इस बार भी लगभग 250 करोड़ रुपए की किताबों की छपाई होनी है। लगभग 13 करोड़ किताबों की छपाई इस बार होनी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले सभी टेंडर को रद्द कर दिया है। अब ई-टेंडर की व्यवस्था की जाएगी ताकि इसमें पारदर्शिता बनी रहे। अभी तक टेंडर अपनों को दिए जाने की जो शिकायतें आती रही हैं इसलिए जुलाई के पहले सप्ताह तक स्कूलों में किताबें के पहुंचने की उम्मीद है।
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12 अप्रैल को खोली जानी थी बिड
बेसिक शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, टेंडर की प्रक्रिया पिछले कई दिनों से जारी थी। बीते 12 अप्रैल को फाइनेंसियल बिड खोली जानी थी जो तय समय पर नहीं खुल सकी। इसके बाद फाइनेंसियल बिड खोले जाने की तारीख 18 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन इस तारीख पर भी बिड नहीं खोली जा सकी। फाइनेंसियल बिड खोले जाने से पहले ही टेंडर को अपने चहेतों को दिए जाने जाने का आरोप एक प्रेस वार्ता के जरिए 16 अप्रैल को यूपी बेसिक एजुकेशनल प्रिंटर्स एसोसिएशन द्वारा लगाते हुए ई-टेंडर कराए जाने की मांग की गई थी।
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फैक्ट फाइल
बेसिक शिक्षा अनुदानित विद्यालय - 84
परिषदीय प्राइमरी विद्यालय - 2151
परिषदीय जूनियर विद्यालय - 834
राजकीय बेसिक विद्यालय - 04
माध्यमिक स्कूल से संबद्ध जूनियर विद्यालय - 117
माध्यमिक स्कूल से संबद्ध प्राइमरी विद्यालय - 22
प्राइमरी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या - 2,66,542
जूनियर स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या - 1,23,053
वर्जन
पिछले सभी टेंडर्स को कैंसिल कर दिया गया है। अब ई-टेंडर के माध्यम से ही व्यवस्था की जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
संदीप सिंह, राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा विभाग
वर्जन
बेसिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अभी पुराने ही किताबों से पढ़ रहे हैं। किताबों के टेंडर होने हैं। प्रक्रिया स्टार्ट हो गई है। जुलाई के फर्स्ट वीक तक किताबों के आने की पूरी संभावना है।
ओम प्रकाश यादव, बीएसए, गोरखपुर