- अब रिजर्वेशन के शुरुआती एक घंटे तक नहीं होगा टिकट में मॉडिफिकेशन
- इसका फायदा उठाकर दलाल उठा लेते थे कंफर्म सीट
- मॉडीफिकेशन के इंफार्मेशन कराई जा सकती है अपडेट
GORAKHPUR :
पैसेंजर्स को राहत देने के इरादे से बनाए गए इंडियन रेलवे के कुछ रूल्स खुद रेलवे का नुकसान कर रहे हैं। इसका फायदा उठाकर मीडिएटर्स मनचाहा पैसा कमा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मिसयूज रेलवे के मॉडिफिकेशन सिस्टम का हो रहा है, जिसके तहत पैसेंजर्स अपनी डीटेल्स को ट्रेन चलने से ब्8 घंटे पहले तक मॉडीफाई या अपडेट करा सकता है। रेलवे रूल्स के बीच लूपहोल का फायदा उठाने वाले मीडिएटर्स को लेकर अब रेलवे बोर्ड काफी सख्ती के मूड में है। रेलवे के रूल्स का फायदा उठाने वाले दलालों पर लगाम कसने के लिए उन्होंने मॉडिफिकेशन रूल्स को अपडेट करने का फरमान जारी कर दिया है, जिससे न सिर्फ टिकट दलालों पर एक और लगाम लगेगी, बल्कि पैसेंजर्स और रेलवे भी लुटने से बचेगा। वहीं पैसेंजर्स को कंफर्म टिकट भी मिल सकेगा।
एक घंटे बाद से शुरू होगा मॉडिफिकेशन
रेलवे रिजर्वेशन कराने वाले पैसेंजर्स को भले ही टिकट न मिले, लेकिन मीडिएटर्स को कंफर्म टिकट मिल जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? जब रेलवे बोर्ड ने इसकी पड़ताल कराई तो उनके ही रूल का मिसयूज होता मिला। मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड ने मॉडिफिकेशन सिस्टम को एडवांस रिजर्वेशन पीरियड स्टार्ट होने के क् घंटे बाद शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें टिकट का प्रीपोनमेंट और पोस्टपोनमेंट दोनों ही शामिल हैं। इसके लिए रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग विक्रम सिंह ने सभी जोनल रेलवेज के सीसीएम को लेटर भेजकर जरूरी एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।
पुराने पीएनआर को मॉडिफाई कर पा रहे थे कंफर्म टिकट
रेलवे के मॉडिफिकेशन रूल का फायदा दलाल काफी चालाकी से उठा रहे थे। बोर्ड की जांच में यह बात सामने आई कि मॉडिफिकेशन रूल के तहत कुछ ऐसे टिकट बनाए गए हैं, जिनमें पीएनआर डालकर डेट और डेस्टिनेशन अपडेट कर दी गई और कंफर्म टिकट मिल गया। इसके लिए मीडिएटर्स एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के दो-तीन दिन पहले वेटिंग टिकट परचेज कर ले रहे थे, जिसके बाद जैसे ही एआरपी की शुरुआत हो रही थी, वह मॉडिफिकेशन फॉर्म भरकर इंफॉर्मेशन अपडेट कराकर कंफर्म टिकट हासिल कर ले रहे थे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह था कि इस दौरान नाम, एज और बाकी डीटेल्स में लगने वाले वक्त की बचत हो जा रही थी और उन्हें कंफर्म टिकट मिल जाता था।
क्या है मॉडिफिकेशन रूल?
रेलवे के मॉडिफिकेशन रूल के तहत किसी भी कंफर्म, आरएसी और वेटलिस्ट टिकट को मॉडिफाई कराया जा सकता है। इसमें सेम क्लास और सेम डेस्टिनेशन, हायर क्लास बाई सेम ट्रेन या फिर किसी और ट्रेन से किसी और दिन। इसके लिए कंडीशन यह है कि टिकट को वर्किंग हॉवर्स के दौरान रिजर्वेशन ऑफिस में ट्रेन डिपार्चर के ब्8 घंटे पहले सिरेंडर करना पड़ता है।
इसको लेकर शिकायतें मिल रही थीं। जिसको देखते हुए रेलवे बोर्ड ने एआरपी स्टार्ट होने से एक घंटे तक मॉडिफिकेशन पर रोक लगा दी है। जिससे कि जनरल पैसेंजर्स को कंफर्म टिकट मिल सके।
- आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर