-एआरटी सेंटर से नहीं मिल रही दवाइयां

-वापस जा चुके 10 से अधिक पेशेंट्स

GORAKHPUR: एड्स नियंत्रण के लिए स्टेट एड्स कंट्रोल डिपार्टमेंट के दावे यहां खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर के ड्रग विभाग में एचआईवी पीडि़त बच्चों के लिए दवाइयां ही नहीं हैं। इस वजह से एक हफ्ते में दस से ज्यादा पेशेंट्स खाली हाथ लौट चुके हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) ने अभी तक एचआईवी दवाओं के मद में बजट नहीं दिया है। इसी कारण दवाइयां नहीं आ पा रही हैं। इस स्थिति में मरीज बिना दवा के परेशान हो रहे हैं। वहीं जिम्मेदार समस्या दूर करवाने के बजाए अपनी कमियां एक दूसरे पर थोपने में लगे हैं।

सारी कवायद पर भारी लापरवाही

सरकारी स्तर पर एड्स नियंत्रण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। साथ ही मरीजों को हर रोज दवा देने की सलाह भी दी जाती है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर बनाई गई टीमों को जिम्मेदारी दी गई है कि अपने एरिया के मरीजों का अच्छी तरह ध्यान रखें। इसके बावजूद ये सब बेकार साबित हो रहा है। खत्म हुई दवाओं के चलते एआरटी सेंटर के जिम्मेदारों को समझ नहीं आ रहा कि समस्या से कैसे निपटा जाए। सूत्रों की मानें तो एक हफ्ता हो चुका है लेकिन अभी तक दवाएं नहीं मंगाई जा सकी हैं। इस वजह से एचआईवी संक्रमित बच्चों के इलाज का संकट गहरा गया है।

स्टेट स्तर पर ही दवाइयां खत्म हैं। बजट ना होने से ये समस्या हुई है। इस संबंध में स्टेट एड्स कंट्रोल को अवगत कराया गया है।

- डॉ। एके मल्ल, प्रभारी एआरटी सेंटर