-सबसे अधिक प्रॉब्लम सिटी के बाहरी एरिया में

- छह माह बाद भी हैंडपंप के नहीं हुई मरम्मत

GORAKHPUR: मार्च में ही पारे ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। माथे पर पसीना आ रहा है, गला सूखने लगा है। दूसरी तरफ जलकल विभाग पब्लिक की इस समस्या से अनभिज्ञ है। ऐसा इसलिए कि सिटी में लगे फ्97भ् हैंडपंप में से लगभग ख् हजार हैंडपंप या तो सूख गए हैं या सूखने की कगार पर हैं। ऐसा नहींहै कि इसकी जानकारी जलकल विभाग को नहींहै, लेकिन उन्होंने अपनी आंखें मूंद रखी हैं। स्थिति यह है कि पार्षद रोजाना जलकल जीएम और नगर आयुक्त को इसकी कंप्लेन करते है, लेकिन जीएमसी के अफसर उनकी कंप्लेन को रद्दी की टोकरी के हवाले कर देते हैं।

ख्000 से ज्यादा हैंडपंप खराब

सिटी में पानी सप्लाई के लिए दो तरह की व्यवस्था है। पहली व्यवस्था में सिटी के म्8 परसेंट लोगों को जलकल पाइपलाइन से पानी मुहैया कराता है। वहींबचे हिस्से की प्यास बुझाने के लिए जगह-जगह इंडियामार्का हैंडपंप जलकल की ओर से लगाए गए हैं। सिटी के मेन मार्केट में भी जलकल की ओर से इंडियामार्का हैंडपंप लगाए गए हैं। जलकल के आंकड़ों पर नजर डाले तों कुल सिटी में कुल फ्97भ् इंडियामार्का हैंडपंप हैं। इसमें से लगभग क्भ्00 हैंडपंप खराब हैं, वहीं भ्00 के लगभग हैंडपंप से पानी पीला आने के लोग इसका यूज नहींकरते हैं।

सिटी में हैंडपंप की मरम्मत का कार्य पार्षद के कहने पर होता है। जिस पार्षद ने हैंडपंप खराब होने की कंप्लेन की है, उनकी मरम्मत की गई है। जिनकी सूचना नहीं मिली है, उन्हींका काम बाकी है।

पीएन मिश्रा, जलकल जेई

नगर निगम का जलकल विभाग किसी की बात नहीं सुनता है। स्थिति यह है कि एक हैंडपंप को सही करने के लिए कई बार कहना पड़ता है। सिटी के अंदरूनी हिस्से में सब कुछ ठीक है, लेकिन बाहरी एरिया में पानी की किल्लत हो रही है।

रामजनम यादव, कार्यकारिणी सदस्य नगर निगम

हमारा पूरा वार्ड इंडियामार्का हैंडपंप के भरोसे ही है। हमारे वार्ड में वाटर पाइप लाइन नहीं है। ऐसे में क्0 से अधिक हैंडपंप खराब हैं। इनकी मरम्मत के लिए कई बार कंप्लेन की गई है, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता है।

संगीता यादव, पार्षद वार्ड नं ख्