- यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को ग्रांट लेने के लिए यूजीसी की वेबपोर्टल पर करना होगा अप्लाई
- यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को कराना होगा रजिस्ट्रेशन
GORAKHPUR: यूजीसी ग्रांट लेने के लिए अब यूनिवर्सिटीज व कॉलेजेज को पुराने ढररे को छोड़ हाइटेक एरा की ओर कदम बढ़ाना ही पड़ेगा। वह इसलिए कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज में डेवलपमेंट से जुड़ी सभी ग्रांट्स अब यूनिवर्सिटी ऑनलाइन मोड में ही मुहैया कराएगी। उन्होंने सभी तरह के मैनुअल प्रपोजल को बंद करने का फैसला किया है। ऑनलाइन मोड में जोड़ने के लिए यूजीसी ने अलग से एक पोर्टल भी लांच किया है। जिसके थ्रू प्रपोजल ही वैलिड होंगे।
डाटा मैच तभी रजिस्ट्रेशन
कॉलेजेज ने इस नए पोर्टल पर डाटा अपलोड करना भी शुरु कर दिया है। इसमें एक प्रॉब्लम यह आ रही है कि मौजूद डाटा, पहले से सब्मिट डाटा से मैच नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से कॉलेज रजिस्टर्ड भी नहीं हो पा रहे हैं। यूजीसी ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर कॉलेजेज को आगाह किया गया है कि वे गलत डाटा फीड न करें। साथ ही अपने डाटा को पहले दिए गए डाटा से मैच करा लें। वरना न तो वे रजिस्टर्ड होंगे और न ही ग्रांट के लिए उनका प्रपोजल एक्सेप्ट किया जाएगा।
तब जाकर मिलेगी ग्रांट
यूजीसी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने और फैकेल्टी के लिए तमाम तरह के स्कीम लागू करता है। फाइव इयर प्लान के तहत यह ग्रांट दी जाती है। इसके लिए उन्हें यूजीसी को प्रपोजल देना होता है। अब तक मैनुअल प्रपोजल ही दिए जाते थे, जिसका प्रॉसेस काफी लंबा था, इसमें काफी वक्त भी लग जाता था। इससे बचने के लिए यूजीसी ने हाइटेक वे में प्रपोजल लिए जाने का फैसला किया है और इस पोर्टल को लांच किया है। यूनिवर्सिटीज और कॉलेज www.eschemesugc.gov.in जाकर प्रपोजल के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
यूजीसी की तरफ से मिलने वाले ग्रांट के लिए नया सर्कुलर आया है। इसके लिए अब सभी को यूजीसी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मैनुअल अप्लाई नहीं किया जा सकता है। ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद ही ग्रांट मिलेगी।
- प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू