- पिछले एक सप्ताह में तीन जगह लग चुकी है आग
- आग लगने के कारण विभाग को हुआ नुकसान, पब्लिक परेशान
- सब स्टेशन पर आग बुझाने का नहीं है कोई संयत्र
GORAKHPUR: पिछले एक सप्ताह से शहर के सब स्टेशनों पर आग लगने की घटनाएं आम हो चुकी हैं। हर दूसरे दिन किसी न किसी सब स्टेशन पर आग लग जा रही है। विभाग की लापरवाही से पब्लिक बिजली के साथ ही पानी के लिए भी तरस रही है। सबसे बड़ी लापरवाही यह कि बिजली विभाग ने अपने सब स्टेशंस पर आग बुझाने की कोई तैयारी नहीं कर रखी है। विभागीय सोर्सेज की मानें तो शहर के 17 सब स्टेशन पर आग बुझाने के लिए न तो बाल्टी की व्यवस्था है और न ही बालू की। जहां अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं, वह भी काफी पुराने हो चुके हैं जो आग बुझाने के लिए नाकाफी हैं। आई नेक्स्ट ने दो सब स्टेशंस का जायजा लिया, तो हकीकत सामने आई।
मोहद्दीपुर
यह एरिया शहर के सबसे पॉश आवासीय एरिया में गिनती होती है। इस सब स्टेशन से पूरा मोहद्दीपुर एरिया में बिजली सप्लाई होने के साथ ही साथ बिजली विभाग के प्रमुख आफिसों में भी बिजली सप्लाई होती है। यहां आग बुझाने के लिए आठ बाल्टियां लगी हुई है, लेकिन सभी बाल्टियां खाली थी। एक दो बाल्टी में प्लास्टिक की बोतलें भरी हुई नजर आई। इस संबंध में जब जेई कमलेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए बड़े साहब बताएंगे। मुझे सब स्टेशन के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है।
यूनिवर्सिटी सब स्टेशन
इस सब स्टेशन को आग का सब स्टेशन कहा जा सकता है। इस सब स्टेशन पर हर माह किसी न किसी कारण से आग लग ही जाती है। फिर भी यहां आग बालू के भरोसे बुझाने की तैयारी की गई है। सब स्टेशन का मेन एरिया तो साफ है, लेकिन उसके बगल में लगी झाडि़यां आग फैलाने के लिए काफी हैं। यहां आग लगने के बाद स्थिति यह होती है कि शहर के सबसे बड़े मार्केट गोलघर की बिजली गुल हो जाती है। यूनिवर्सिटी सब स्टेशन की हालत कुछ ठीक रही रबर मैट पूरे थे, नंगे तार तो नहीं थे लेकिन यहां भी अग्निशमन यंत्र गायब रही।
सब स्टेशन से गायब अहम सामान
शहर में जितने भी सब स्टेशन हैं सभी जगह की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी रामकेशव का कहना है कि बक्शीपुर सब स्टेशन पर पैनल बॉक्स के पीछे खुले तार हैं। यह ओवरलोड होने पर जब शॉर्ट होते हैं, तो हर वक्त आग लगने का डर लगा रहता है। कई बार यहां के जेई को बालू वाली बाल्टी और अग्निशमन यंत्र रखने के लिए कहा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यही हाल सूरजकुंड का है।
कई जगह नहीं लगे यंत्र
राप्ती नगर सब स्टेशन पर कई साल पहले अग्निशमन यंत्र खरीद कर आए थे, वह अब तक वहीं रखे हुए हैं। कई ऐसे सब स्टेशन हैं, जहां अग्निशमन यंत्र लगे ही नहीं है। इसी तरह दो माह पहले शाहपुर सब स्टेशन पर बैट्री फटने के कारण एक कर्मचारी घायल हो गया था। जांच में पता चला कि बैट्री नीचे रखने के कारण उसमें करंट दौड़ गया था।
आग लगने की घटना
- 15 फरवरी को शाहपुर सब स्टेशन पर बैट्री फटने से लगी आग
- 20 फरवरी को मोहद्दीपुर में लगी आग
- 3 मार्च को लालडिग्गी सब स्टेशन लगे छोटी आग
- 22 मार्च को खोराबार में लगी आग
- 14 अप्रैल को एफसीआई में लगी आग
- 16 अप्रैल को झुंगिया सब स्टेशन में आग
- 22 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज सब स्टेशन पर लगी आग
यह होने चाहिए सुरक्षा के उपकरण
- आटो कट सिस्टम
- अच्छी क्वालिटी के तार
- रबर मैट
- अग्निशमन यंत्र
- बालू भरी बाल्टी
- एक ट्रॉली बालू
- प्राथमिक उपचार
- पूरे सब स्टेशन एरिया कहीं भी खुले केबल नहीं होने चाहिए
सब स्टेशनों पर बालू और अग्निमशन यंत्र रहना अति आवश्यक है। अगर किसी सब स्टेशन पर इन संसाधनों को रखने में अगर कोई लापरवाही करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम