- असुरन स्थित राजकीय ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान में स्टूडेंट्स की न चलती हैं क्लासेज और न होते हैं प्रैक्टिकल्स
- स्टूडेंट्स की तरफ से कई बार शिकायत के बाद भी कॉलेज प्रशासन की तरफ से नहीं होती कोई कार्रवाई
GORAKHPUR : आईटीआई स्टूडेंट्स को हाईटेक बनाने के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है। उनका कॉम्पेरिजन ग्लोबल मार्केट से किया जा रहा है, मगर हकीकत इससे कोसों दूर हैं। आईटीआई कॉलेज की स्थिति इस कदर खराब है कि यहां न तो पढ़ने के लिए प्रॉपर क्लासरूम हैं और ना ही प्रैक्टिकल के लिए हाइटेक मशीन। आज भी स्टूडेंट्स कागज पर ही प्रैक्टिकल कर रहे हैं। स्टूडेंट्स की इस मजबूरी का न तो कॉलेज प्रशासन संज्ञान लेता है और ना ही जिम्मेदारों ने कोई पहल की है।
ठगा महसूस कर रहे हैं स्टूडेंट्स
असुरन स्थित राजकीय ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान में एडमिशन लेकर स्टूडेंट्स खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यहां क्लास में बैठने के लिए कोई फैसिलिटी नहीं है, वहीं आज तक उन्हें प्रैक्टिकल का इंतजार है। आईटीआई स्टूडेंट्स की मानें तो एडमिशन लेने के बाद से अब तक न तो क्लासेज चली और ना ही एक भी प्रैक्टिकल्स हुए जबकि आईटीआई स्टूडेंट्स के लिए प्रैक्टिकल्स महत्वपूर्ण विषय है। सरकार हाईटेक बनाने की बात कर रही है, लेकिन कॉलेज में सन 1950 के पार्ट्स रखे हुए हैं.सोर्सेज की मानें तो बजट के अभाव में आधुनिक मशीनों की खरीदारी नहीं हो सकी है। कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा भी गया है, लेकिन उच्च अधिकारियों की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आया है।
प्रैक्टिकल्स क्या होता है। इसके बारे में आज तक कोई जानकारी ही नहीं दी गई। जब थ्योरी क्लास ही नहीं चलती हैं तो प्रैक्टिकल की बात ही दूर है। एडमिशन करा कर पछता रही हूं।
नीलम, स्टूडेंट
कई बार प्रैक्टिकल्स के लिए कहा जा चुका है, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं है। अब तो कहना ही बंद कर दिया हूं। बेंच की बात करे तो इसकी हालत सरकार प्राइमरी स्कूल से भी गई गुजरी है।
विशाल
मुझे तो ऐसा लगता है कि केवल डिग्री के लिए हम यहां पढ़ रहे हैं। न तो यहां क्लासेज चलती हैं और ना ही प्रैक्टिकल्स होते हैं। शिकायत भी की गई, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।
महेंद्र
यहां के किसी भी ट्रेड में कोई पढ़ाई नहीं होती है। ऐसा कॉलेज तो शायद ही कहीं हो। न टीचर का पता चलता है और ना ही क्लासेज का। केवल खानापूर्ति के लिए हम यहां आते हैं अटेंडेंस लगाने आ जाते हैं।
प्रवीण
प्रैक्टिकल के लिए नए पार्ट्स की आज तक खरीदारी नहीं हुई है, जबकि इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। टीचर्स को रेग्युलर क्लासेज लेने के लिए कहा गया है, अगर क्लास नहीं चलती है, तो जिम्मेदारों पर एक्शन लिया जाएगा।
पीए त्रिपाठी, प्रिंसिपल, आईटीआई रेलवे कॉलोनी