-स्ट्रेचर के अभाव में ठेले पर तड़पता रहा मरीज
GORAKHPUR: अब इलाज के अभाव में जान नहीं जाएगी। दवा के लिए लखनऊ या बनारस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सभी बीमारी के इलाज सरकारी अस्पातल में होंगे। सीएम साहब, क्या ऐसे ही इलाज होगा। दवा, डॉक्टर तो दूर हॉस्पिटल की इमरजेंसी में एक स्ट्रेचर तक नहीं है। मरीज इलाज के लिए इमरजेंसी गेट पर तड़पता रहा और तीमारदार स्ट्रेचर की तलाश करते रहे। कुछ ऐसा ही नजारा था सैटर्डे की दोपहर तीन बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इमरजेंसी का। जहां एक मरीज ठंड से कांप रहा था। तबीयत अधिक खराब होने के कारण तीमारदार इलाज के लिए डॉक्टर के पास ठेले से लेकर आए। मगर हॉस्पिटल में स्ट्रेचर नहीं मिला। आखिर थक हार कर तीमारदार इमरजेंसी के अंदर ठेला लेकर ही घुस गए। इसके बाद मरीज को चेकअप के लिए डॉक्टर के पास ले गए। हालांकि मरीज का इलाज हो गया। मालूम करने पर पता चला कि इमरजेंसी में सिर्फ एक स्ट्रेचर है। जिसका यूज आलरेडी चल रहा था। इस कारण दूसरा मरीज इलाज के लिए तड़पता रहा।