- मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन कक्ष का मामला
- इंस्पेक्शन के दौरान सामने आया सच, विभागाध्यक्ष ने दी नोटिस
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में अति गंभीर नवजात बच्चों का इलाज किया जाता है। लेकिन यहां की हकीकत कुछ और है। विभागाध्यक्ष बाल रोग विशेषज्ञ के इंस्पेक्शन में सच सामने आया तो सभी हैरान हो गए। यहां रात में डॉक्टर और दिन में नर्स नदारद थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किया गया है।
इंस्पेक्शन के दौरान खुली पोल
सौ शय्या वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड की ऊपर मंजिल में नवजात बच्चों के उपचार के लिए नवजात शिशु गहन कक्ष बनाया गया है। गंभीर बच्चों के लिए वेंटिलेटर भी लगाए गए हैं। वहीं नवजात बच्चों की देख-रेख के लिए 24 घंटे डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स की ड्यूटी रहती है। बताते चलें कि वर्तमान में करीब 50 शिशुओं का उपचार किया जा रहा है। सोमवार की रात बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ। महिमा मित्तल ने इंस्पेक्शन किया तो डॉक्टर्स गायब मिले। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और कुछ मौजूद लोगों को फटकार लगाई। इसके बाद वह चले गए। मंगलवार को दिन में दोबार वार्ड का राउंड लगाया तो नर्स गायब रही। इस पर उन्होंने लापता रहे सभी स्टाफ व जूनियर डॉक्टर्स का रिकॉर्ड मंगवाया। किसी ड्यूटी थी इसकी जानकारी ली। नाराजगी जताते हुए नोटिस जारी की है।