-एनआईसी के कुछ कंप्यूटर्स की हार्ड डिस्क क्रैश होने से डाटा हो गया डीलीट

-सर्टिफिकेट की वैलीडिटी जांचने के लिए तलाशना पड़ रहा डाटा

-सर्टिफिकेट वैरीफिकेशन का नहीं लगेगा शुल्क, डाटा न मिलने पर करना पड़ेगा दोबारा आवेदन

i exclusive

kumar.abhishek@inext.co.in

GORAKHPUR: विभाग की लापरवाही और कंप्यूटर की गलती की सजा लाखों लोगों को भुगतनी पड़ रही है। जुलाई से लेकर अक्टूबर के बीच इनकम सर्टिफिकेट बनवाने वाले लोगों को एक बार फिर ई-डिस्ट्रिक्ट या सहज जनसेवा केंद्र का चक्कर लगाना पड़ रहा है। लखनऊ स्थित एनआईसी (नेशनल इंफॉमेटिक्स सेंटर) के कुछ कंप्यूटर की हार्ड डिस्क के क्रैश कर जाने गोरखपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के अधिकांश जिलों का डाटा डीलीट हो गया है। डाटा न होने से सर्टिफिकेट की वैधता जांचना मुश्किल हो गया है। ऐसे में इन लोगों को एक बार फिर सर्टिफिकेट के लिए ई डिस्ट्रिक्ट या सहज जनसेवा केंद्र में आवेदन करना होगा। गोरखपुर में जुलाई से अक्टूबर के बीच करीब अस्सी हजार लोगों का इनकम सर्टिफिकेट बना था। जिन्होंने इस सर्टिफिकेट का यूज हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, यूनिवर्सिटी में एडमिशन के साथ जॉब के लिए किया था।

बेकार हो गए सर्टिफिकेट

लखनऊ स्थित एनआईसी के कुछ कंप्यूटर की हार्ड डिस्क क्रैश होने से अधिकांश डाटा डीलीट हो गया। यही वजह है कि इससे कनेक्टेड ई डिस्ट्रिक्ट और सहज जनसेवा केंद्र के कंप्यूटर से डाटा इरेज हो चुके हैं। कंप्यूटर में डाटा न होने से किसी भी सर्टिफिकेट का सत्यापन करना मुश्किल होगा। इसलिए प्रशासन ने इस मामले पर एक्शन लेते हुए सभी सर्टिफिकेट को कैंसिल कर ऐसे लोगों को दोबारा बनवाने का आदेश दिया है। साथ ही कुछ कंप्यूटर का डाटा रिकवर किया गया है। इससे लोग अपना सर्टिफिकेट दिखा कर सत्यापन करा सकते हैं। इसकी कोई फीस नहीं है। अगर डाटा मिल जाता है तो उन्हें दोबारा सर्टिफिकेट बनवाना नहीं पड़ेगा।

वर्जन-

जुलाई से अक्टूबर के बीच करीब 80 हजार लोगों का इनकम सर्टिफिकेट बनाया गया था। इन सभी लोगों को अपने सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए ई डिस्ट्रिक्ट या सहज जनसेवा केंद्र पर जाना होगा। सत्यापन का कोई शुल्क नहीं है। अगर डाटा नहीं मिलता है तो ऐसे सभी लोगों को दोबारा सर्टिफिकेट बनवाना पड़ेगा।

बीएन सिंह, एडीएम सिटी