- सिटी मजिस्ट्रेट ने दिया जेल भेजने का आदेश
- जिला पंचायत सदस्य ने दर्ज कराया है मुकदमा
GORAKHPUR: कलेक्ट्रेट में जिला पंचायत सदस्य से मारपीट की आरोपी एनजीओ संचालिका संडे को जेल भेजी गई। कैंट पुलिस ने उनको शांति भंग में चालान किया था। एनजीओ संचालिका के खिलाफ कैंट थाना में मारपीट और अनुसूचित जाति के उत्पीड़न का मामला दर्ज है।
आत्मदाह करने आई महिला को लेकर हुआ बवाल
चौरीचौरा एरिया के सोनबरसा निवासी गजेंद्र प्रताप सिंह का बेटा राहुल उर्फ विश्वजीत लापता है। आरोप है कि दो साल पहले प्रधान ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर राहुल का अपहरण कर लिया। गजेंद्र की पत्नी सरस्वती देवी अपने बेटे की बरामदगी को लेकर अफसरों का चक्कर लगा रही हैं। महिला का कहना है कि प्रभावशाली अभियुक्तों के सामने पुलिस बेबस है। पुलिस की लापरवाही से परेशान महिला ने कार्रवाई न होने पर आत्मदाह की धमकी दी। सैटर्डे को वह आत्मदाह करने कलेक्ट्रेट पहुंची। पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया। मीडिया ने बात करने की कोशिश की तो एनजीओ संचालिका प्रगति ने रोक दिया। वहां मौजूद जिला पंचायत सदस्य, अनुसूचित जाति आयोग की मेंबर्स ने निर्मला ने विरोध जताया। गुस्साई प्रगति ने निर्मला के साथ दुर्व्यहार किया।
सिटी मजिस्ट्रेट ने दिया जेल भेजने का आदेश
निर्मला पासवान ने प्रगति सहाय के खिलाफ कैंट थाना में मुकदमा दर्ज कराया। मारपीट और अनुसूचित जाति के उत्पीड़न की धाराओं में केस लिखा गया। संडे को पुलिस ने प्रगति को सिटी मजिस्ट्रेट के वहां पेश किया। सिटी मजिस्ट्रेट ने जेल भेजने का आदेश दिया। इस मामले में तीन मार्च की तारीख भी मुकर्रर की गई। प्रगति ने अपना पक्ष रखते हुए ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत की। एनजीओ संचालिका ने कहा कि उनको इस घटना से सबक मिली है। उनको नहीं पता था कि किसी पीडि़त की मदद करना इतना बड़ा गुनाह है। उधर जिला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड बेड नंबर आठ पर भर्ती निर्मला ने रेकी करने का आरोप लगाया। उन्होंने एसपी सिटी को सूचना देकर बताया कि रात में कुछ लोग उनके वार्ड के आसपास सक्रिय थे। एक युवक ने मोबाइल से उनके फोर व्हीलर की फोटो लिया था।
मजिस्ट्रेट के आदेश पर एनजीओ संचालिका को जेल भेज दिया गया है।
विजय राज सिंह, इंस्पेक्टर थाना कैंट