- एक दिन बच्ची को कपड़े में लपेट में फेंका गया
- बकरी चराने गई किशोरी ने जिंदा देख दी सूचना दी
- पुलिस ने प्राथमिक इलाज करा चाइल्ड लाइन को सौंपी बच्ची
GORAKHPUR: सर्द रात में एक मासूम, जिसकी उम्र महज एक दिन यानी ख्ब् घंटे थी, उसे जिंदा कब्रिस्तान में फेंक दिया गया। शायद वह अपने मां बाप की अनचाही औलाद थी। उसकी चीखें चिल्ला रही थी। अपनी मां से एक ही सवाल पूछ रही थी कि मां मेरा क्या कसूर था। क्या एक मां का दिल इतना पत्थर हो सकता है कि वह अपनी एक दिन की मासूम बच्ची को सर्द रात में खुले आसमां के नीचे कब्रिस्तान में फेंक दे।
जाको राखो साइयां मार सके न कोई
'फानूस बन कर जिसकी हिफाजत हवा करे। वो शमा क्या बुझे जिसे रोशन खुद खुदा करे.' एक मासूम को उसके अपनों ने तो मौत की कगार पर लाकर छोड़ दिया। घटना गुलरिहा के भटहट स्थित पटेल स्मारक इंटर कॉलेज के पास की है। वहां एक दिन की मासूम को फेंक दिया गया। वह भी कब्रिस्तान में। रात भर सर्द रात से लड़ती रही उस नवजात को होंठ सफेद पड़ गए थे। शुक्रवार की एक किशोरी साधना सुबह अपनी बकरियां चराने स्कूल के पीछे गई थी। वहां उसने सफेद कपड़े में लिपटी बच्ची को देखा। उसे उसने उठा लिया। उसकी सांसें चल रही थी। उसने इसकी जानकारी गांववालों को दी। उस बच्ची के हमदर्द के रूप में कई गांववाले पहुंच गए।
पुलिस ने कराया इलाज
स्थानीय लोगों ने बच्ची को गोद में उठा लिया। उसे फेंकने वाले कितने निर्मम रहे होंगे, इसका अंदाजा इसी से लग सकता है कि उसकी नाभि (गर्भनाल) भी पूरी तरह नहींकटी थी। इसकी सूचना गुलरिहा पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची गुलरिहा पुलिस ने बच्ची को सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। इलाज के बाद पुलिस ने उसे चाइल्डलाइन के सुपुर्द कर दिया। इस समय बच्ची चाइल्ड लाइन की देख रेख में है।
एनआईसीयू में भर्ती कराया बच्ची को
रात भर ठंड में जमीन पर पड़ी रही बच्ची की हालत हर घंटे बिगड़ी गई। चाइल्ड लाइन ने गुलरिहा पुलिस से बच्ची को लेकर उसे फातिमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। बच्ची को निमोनिया होने के चलते उसे एनआईसीयू में भर्ती कराया गया। डॉक्टर्स उसकी हालत गंभीर बता रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि रात भर ठंड में पड़े होने के चलते उसे निमोनिया और पीलिया हो गया है।
वर्जन-
बच्ची को प्राथमिक इलाज के बाद चाइल्डलाइन को सौंप दिया गया। बच्ची एक सफेद रंग के कपड़े में लिपटी हुई थी। हालत बयां कर रहे थे बच्ची को पैदा होते ही फेंक दिया गया।
अजय ओझा, एसओ, गुलरिहा थाना
रात भर सर्दी में रहने से बच्ची की हालत गंभीर है। उसका फातिमा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। उसे एनआईसीयू में भर्ती कराया गया है।
शीतांशु कुमार श्रीवास्तव,
सिटी कोऑर्डिनेटर, चाइल्ड लाइन