- जल निगम रामगढ़ताल के पूर्वी हिस्से में बनाने जा रहा सीवरेज पाइपलाइन
- यहां के आधा दर्जन एरिया को जल जमाव से मिलेगी राहत
- अगले 20 साल की जनसंख्या मानक मानकर होगा निमार्ण
GORAKHPUR: रामगढ़ताल के पूरब कूड़ाघाट से लेकर रानीडिहा तक के लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। यहां जल निगम लगभग 177 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज पाइपलाइन बनाने की तैयारी में है। छह माह पहले शासन को भेजे गए इस प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। जल निगम के मिजम्मेदारों के मुताबिक इसी साल इस योजना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
दो पार्ट में होगा कार्य
नगर निगम के निर्माण विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस एरिया का पानी छोटे-छोटे कुल 25 नालों से निकलता है। यह नाले महादेव मंदिर के पास एक बड़े नाले में मिल जाते हैं। यही नाला इस एरिया का पानी लेकर सीधे रामगढ़ताल में मिल जाता है। जल निगम के रामगढ़ताल प्रोजेक्ट मैनेजर रतनसेन सिंह ने बताया कि ताल के सौंदर्यीकरण की योजना में इसी नाले को एसटीपी से जोड़ना था, लेकिन इससे जल निकासी का फ्लो बहुत धीमा हो जाता। इसलिए इस एरिया के लिए सीवरेज पाइपलाइन बनाने की योजना बनी। उन्होंने बताया कि यह योजना दो पार्ट में बनाई गई है। इसमें एक पार्ट की लागत 73.10 करोड़ और दूसरे पार्ट की लागत 104.4 करोड़ रुपए आ रही है। इसके तहत आगामी बीस साल की जनसंख्या को मानक मानकर निर्माण कार्य किया जाएगा।
देवरिया हाइवे को मिलेगी राहत
इंजीनियरिंग कॉलेज और सिंघाडि़या के पास हर बारिश में नालों के पानी का लेवल बढ़ने के कारण रोड पर भारी जलजमाव हो जाता है। इस कारण दो से तीन दिन तक छोटी गाडि़यां नहीं निकल पाती थीं और वह मोहल्लों के बीच से होकर आती-जाती थीं। वहीं सिंघाडिया की गोरक्षनगर कॉलोनी का रास्ता भी पानी के कारण टूट जाता था। अब पाइपलाइन बन जाने से यहां सड़क पर पानी नहीं लगेगा, जिसके चलते हाइवे से गुजरने वालों के साथ ही कई मोहल्लों के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
इन मोहल्लों को होगा लाभ
- दिव्यनगर
- आवास विकास कॉलोनी, कूड़ाघाट
- नंदानगर
- दरगहिया
- झरना टोला
- छावनी रेलवे स्टेशन के पीछे
- रानीडिहा
- इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने का एरिया
- भैरोपुर
- सहारा एस्टेट
- महादेवपुरम
वर्जन
शासन को रामगढ़ताल के पूरब वाले एरिया में सीवरेज पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर शासन ने पॉजटिव संकेत दिया है। उम्मीद है कि इसी माह योजना की स्वीकृति मिल जाएगी।
- रतनसेन सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर रामगढ़ताल, जल निगम