गोरखपुर (ब्यूरो)। बिजली निगम ई-बस चार्जिंग स्टेशन के लिए 2 एमवीए का पॉवर स्टेशन बनाएगा। इसके लिए अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी। ई-बस चार्जिंग स्टेशन बन जाने से एक साथ करीब 50 बसें चार्ज हो सकेंगी। बताया जा रहा है कि भविष्य में ई-बस चार्जिंग स्टेशन को सौर ऊर्जा से लैस किया जाएगा।
बता दें, ई-बस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की जिम्मेदारी जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को है। सीएनडीएस ने प्रपोजल तैयार कर शासन को भेज दिया है। अनुमति मिलते ही निमार्ण कार्य शुरू हो जाएगा। कोनी में ई-बस चार्जिंग स्टेशन बन जाने से इलेक्ट्रिक बसों का निर्बाध संचालन हो सकेगा। इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने पर 120 किमी। तक चलती है। इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने महेसरा और कोनी के बाद सहजनवां, कौड़ीराम और भटहट में भी इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की योजना बनाई है। इसके लिए भी जमीन की तलाश की जा रही है।
27 बसेें संचालित
इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार महानगर के अलावा चौरीचौरा, गोला और बड़हलगंज तक किया जाना है। जल्द ही 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है, जिसमें 25 बसों के जल्द मिलने की संभावना है। 29 दिसंबर 2021 से महानगर में इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। वर्तमान में महानगर के आठ रूटों पर 27 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हैं। इन बसों के लिए महेसरा में चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है। रास्ते में चार्ज समाप्त होने के बाद बसों को महेसरा डिपो जाना पड़ता है। ऐसे में बसों का संचालन प्रभावित होता है। चार्जिंग बस स्टेशन बन जाने से सफर आसान हो जाएगी।
ई-बस स्टेशन पर यह होने हैं कार्य
- मेंटेनेंस शेड
- ई-बस स्टेशन
- पंप हाउस
- गार्ड रूम
- रेनवाटर हार्वेस्टिंग
- सेप्टिक टैंक व सोपिट
- बोरिंग व पंप
- बाउंड्रीवाल
- वाहय विद्युतीकरण यार्ड
- कैंपस फिलिंग वर्क
- इंटर लॉकिंग वर्क
- केबल ट्रंच
- 2 एमवीए का पॉवर स्टेशन
भविष्य में सौर ऊर्जा से लैस होगा चार्जिंग स्टेशन
एसई शहर ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह ने बताया, ई-बस चार्जिंग स्टेशन के लिए 33 केवीए का बिजली कनेक्शन दिया जाना है। यहां 2 एमबीए का अलग से पॉवर स्टेशन बनाया जाएगा। इसके लिए अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी। स्टेशन पर एक साथ 50 बसों को चार्ज करने की व्यवस्था होगी। भविष्य में ई-बस चार्जिंग स्टेशन को सौर ऊर्जा से लैस करने की योजना है।
शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। प्रस्ताव पास होने के बाद निविदा की कार्यवाही पूरा करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
ओपी यादव, सहायक अभियंता जल निगम कार्यदायी संस्थान सीएनडीएस