- ऋषिमुनि के बाद धर्मेद्र सिंह का आया नाम

- सिर्फ चंदन सिंह गैंग पर कसा जा सका शिकंजा

GORAKHPUR: रंगदारी मांगने के मामलों से एक बार फिर पुलिस की चुनौती बढ़ी है। जिले में रंगदारी के लिए कुख्यात चंदन सिंह गैंग पर शिकंजा कसने के बाद पुलिस को राहत नहीं मिल सकी। पुराने बदमाशों का नाम सामने आने से पुलिस के माथे पर बल पड़ने लगा है। 90 दशक के बदमाश ऋषिमुनि तिवारी के बाद अचानक धर्मेद्र सिंह का नाम सामने आया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है।

फिर से सिर उठाने लगे बदमाश

जिले में लगातार रंगदारी के बढ़ते मामलों से बिजनेसमैन, डॉक्टर्स और उद्योगपतियों का सुकून छिनने लगा है। पिछले दो साल से रंगदारी के लिए सक्रिय चंदन सिंह और उसके गैंग पर शिकंजा कसकर पुलिस ने राहत की सांस ली, लेकिन महराजगंज जेल में बंद रामबाबू पासी सहित कई बदमाश रंगदारी मांगते रहे। जिला कारागार में निरुद्ध रामबाबू को पुलिस ने महराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया। इससे कुछ हद तक पुलिस को राहत मिल गई, लेकिन एक बार फिर से अचानक बड़े बदमाशों के नाम पर दी जा रही धमकियों ने चिंता बढ़ा दी है।

कार्रवाई नहीं कर सकी पुलिस

आजमगढ़ जिले की ट्रेजरी में तैनात अपर निदेशक रामानंद पासवान की फैमिली कैंट एरिया के प्रेम नगर कॉलोनी में रहती है। 90 के दशक के बदमाश ऋषिमुनि तिवारी के नाम पर अपरनिदेशक से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। तीन अप्रैल को बदमाशों ने उनके देवरिया स्थित पैतृक गांव पर फायरिंग करके धमकी दी। फिर उनके घर पर चिट्ठी फेंककर बदमाशों ने धमकाया। इसके पहले शातिर वाहन चोर, सिपाही को गोली मारने के आरोपी मनोज ओझा के नाम पर बेतियाहाता के डॉक्टर से रंगदारी मांगी गई थी। इन दोनों मामलों में पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पुराने मामलों को पुलिस सलटा पाती, इसके पहले धर्मेद्र सिंह का नाम सामने आ गया।

धर्मेद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसके खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित था। अन्य दूसरे जिले से इनाम बढ़ने की सूचना मिल रही है। जानमाल की धमकी को देखते हुए डॉक्टर्स की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण