- रेल बजट में नहीं मिली कोई भी ट्रेन, एनई रेलवे में 15 स्टेशंस को किया जाएगा इंप्रूव
- ए1 में गोरखपुर, छपरा और लखनऊ और ए में बस्ती, खलीलाबाद के साथ कई और स्टेशन पर मिलेगी वाई-फाई फैसिलिटी
GORAKHPUR : 2015-16 का रेल बजट थर्सडे को पेश हुआ। इस दौरान रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने बजाए नई ट्रेंस की सौगात देने के बेसिक फैसिलिटी पर जोर दिया। इसमें पैसेंजर्स एमिनिटी, सेफ्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर सबसे ज्यादा फोकस नजर आया। एनई रेलवे की बात करें तो इस बजट में इनके खाते में भी कुछ खास नहीं आया। नई ट्रेंस का ख्वाब दिल में संजोए गोरखपुराइट्स को इस रेल बजट से निराशा ही हाथ लगी। जहां सुपरफास्ट ट्रेंस के लिए सजाया गया ख्वाब चकनाचूर हो गया, वहीं शताब्दी और दुरंतों के लिए भी इंतजार और बढ़ गया। अब यह ख्वाब कब पूरा होता है, यह तो वक्त ही बताएगा। मगर फिलहाल गोरखपुराइट्स को कुछ बेसिक फैसिलिटी से ही संतोष करना पड़ेगा।
एनई रेलवे को मिला 1959.2 करोड़
रेल बजट में एनई रेलवे के खाते में इस बार 1959.2 करोड़ रुपए आए हैं। 15 मदों में मिले इस बजट में नई लाइंस के लिए साथ ही ट्रैक डबलिंग, ट्रिपलिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क्स, पैसेंजर्स एमिनिटीज के साथ कई और प्वाइंट्स शामिल हैं। रेल बजट को ब्रीफ करते हुए एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र ने बताया कि पैसेंजर्स का इंतजार कम हो सके और ट्रेंस आउटर पर न खड़ी हों, इसके लिए ट्रैक डबलिंग का वर्क काफी तेजी से किया जाना है। इस बार के बजट में सबसे ज्यादा ट्रैक डबलिंग पर ही फोकस होगा। इसके लिए पिछली बार के मुकाबले 268 परसेंट ज्यादा बजट मिला है। 2014-15 में जहां डबलिंग के लिए 85.2 करोड़ मिले थे, वहीं इस बार 313.5 करोड़ रुपए मिले हैं।
लाइन गेज चेंज करने के लिए सबसे ज्यादा बजट
एनई रेलवे से जुड़े स्टेशन के गेज कनवर्जन के लिए भी एनईआर के खाते में काफी बजट आया है। जीएम ने बताया कि ब्रॉडगेज करने के लिए इस बार 1091 करोड़ रुपए मिले हैं। पिछली बात यह रकम 341 करोड़ रुपए थी जोकि पिछले बजट से 220 परसेंट ज्यादा है। इसके अलावा स्टाफ क्वार्टर के लिए भी इस बार 121 परसेंट ज्यादा 8.1 करोड़ रुपए बजट मिला है, जो पिछली बार 3.7 करोड़ रुपए था। लेवल क्रॉसिंग, रेल ओवर ब्रिज, रेल अंडर ब्रिज, इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क के लिए बजट में पिछली बार के मुकाबले इस बार कटौती की गई है।
बढ़ सकती है ट्रेंस की स्पीड
रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने 9 रूट्स पर ट्रेन की स्पीड 200 करने की बात कही है। इस कैटेगरी में यूं तो गोरखपुर से होकर गुजरने वाली कोई ट्रेन नहीं आती है, क्योंकि इनकी स्पीड मैक्सिमम 110 किमी है, जबकि 130 और 140 किमी की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेंस के लिए यह डिसिजन लिया गया है। जीएम ने बताया कि एनईआर की स्पीड 200 तक पहुंचना तो पॉसिबल नहीं है, लेकिन 110 की रफ्तार से चलने वाली ट्रेंस की स्पीड बढ़ाकर 130 किमी पर घंटे की जा सकती है। वहीं ए1 ग्रेड का स्टेशन होने की वजह से यहां वाई-फाई की फैसिलिटी भी मिलेगी। एनईआर के अंडर तीन ए1 ग्रेड स्टेशन हैं, इनमें गोरखपुर, लखनऊ और छपरा के नाम शामिल हैं। वहीं बस्ती, खलीलाबाद के साथ कई ए ग्रेड में आने वाले स्टेशंस पर वाई-फाई फैसिलिटी मिलेगी। इसके अलावा जीएम ने 15 स्टेशंस को प्वाइंट आउट कर इंप्रूव करने की तैयारी की है।
यहां होगी नई लाइंस -
1. रामपुर-लालकुआं-काठगोदाम - रेल ओवर ब्रिज
2. किच्चा-खातिमा
3. महाराजगंज-मसरख विद मेटेरियल मॉडिफिकेशन
न्यू लाइन बिटवीन मसरख-रीवाघाट
4. हथुआ-भटनी
5. छितौनी-तम्कुही रोड
6. कपिलवस्तु-बस्ती वाया बांसी
7. आनंदनगर-गुगली वाया महाराजगंज
यहां होगा गेज कनवर्जन
गोंडा-बहराइच
गोंडा-गोरखपुर लूप विद आनंदनगर-नौतनवां
कानपुर-कासगंज-मथुरा और कासगंज-बरेली-लालकुआं
कप्तानगंज-थावे-सिवान-छपरा
औरिहार-जौनपुर
भोजीपुरा-टनकपुर वाया पीलीभीत
लखनऊ-पीलीभीत वाया सितापुर-लखीमपुर
यहां होगा डबलिंग वर्क
औरिहार-मंडुआडीह
छपरा-बलिया
गाजीपुर-औरिहार
घाघराघाट-चौकाघाट
भटनी-जीरादेई
भटनी-बैतालपुर
बाराबंकी-बुढ़वल
गोरखपुर कैंट-बैतालपुर
एकमा-जीरादेई
सहजनवां-मुंडेरवा
मऊ-इंदारा
मुंडेरवा-बभनान
गोरखपुर-सहजनवां
NER Budget in Crore
Plan 14-15 15-16 %change
New Line 64.1 78.1 22
Gage Conversion 341 1091 220
Doubling 85.2 313.5 268
Traffic Facilities 38.8 47.2 22
Level Crossing 24.5 16.1 -34
ROB/RUB 43.6 31.7 -27
Track 145 150 3
Railways Bridge Works 24.7 28 13
S X T Works 34.3 36.5 6
Electrical Works 9.1 7.5 -18
Workshop 27.3 43.5 59
Staff Quarter 3.7 8.1 121
Staff Amenities 9.1 13.2 45
Passengers Aminities 42 88.8 112
OSW 8.7 6 -31
भारतीय रेल राजनीतिक कारणों से जिस दुर्दशा की शिकार हुई है यह बजट उससे उभारने में मदद करेगा। भारतीय रेल की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए किराया बढ़ाने का भारी दबाव था लेकिन रेल किराए में बढ़ोत्तरी न करके आम जन को राहत दी ही साथ ही बुजुर्गो, विकलांगों, महिलाओं और बच्चों पर भी ध्यान दिया गया।
महंत योगी आदित्यनाथ, सांसद, गोरखपुर
यह बजट के नाम पर कुछ नहीं है। इन्होंने मालभाड़े के दाम बढ़ा दिए, जबकि तेल के दाम आधे हो गए हैं। यह मामूली एवरेज बजट है, जिससे किसी आम आदमी को कोई फायदा नहीं पहुंचेगा। वहीं प्राइवेट कंपनी की चांदी रहेगी।
डॉ। अजीज अहमद, फिजिशियन
पूर्वाचल के लोगों के लिए इसमें कोई तोहफा नहीं है। यह सिर्फ लोक लुभावन बजट है, जिससे आम आदमी को कोई फायदा नहीं पहुंचने वाला है। सिर्फ किराया न बढ़ाने भर से काम नहीं चलने वाला है।
बच्चूलाल, रिटायर्ड दूरदर्शन ऑफिसर
रेल बजट में सेफ्टी और सिक्योरिटी पर जोर दिया गया है। हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, यह सराहनीय कार्य है, लेकिन पूर्वाचल के लोगों के लिए रेल लाइन और नई ट्रेनें नहीं दी गई है। यह दुखद है। वहीं साफ-सफाई पर जोर दिया है, यह सही है। बशर्ते इसे इंप्लीमेंट करना होगा।
डॉ। अनुभूति दुबे, एसोसिएट प्रोफेसर, डीडीयू
रेल बजट ओवर आल एवरेज रहा। कुछ खास नहीं दिखा। रेल मंत्री ने तत्काल टिकट के लिए मारामारी पर कुछ भी समाधान नहीं बताया। उन्होंने ई-कैटरिंग पर जोर दिया, वहीं महिला सिक्योरिटी के लिए सर्विलांस कैमरे लगाने का वादा किया है, लेकिन ये सभी वादे हकीकत में बदले तो बात बने। ट्रेन में सफर करने वाला हर यात्री सिर्फ और सिर्फ सुरक्षा चाहता है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करना होगा।
प्रगति सहाय, प्रगति सेवा संस्थान
इस बार का रेल बजट ऐतिहासिक है। यह बजट कॉमन मैन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यात्रियों की सुविधा, स्वच्छता व सुरक्षा की ही ज्यादा जरूरत होती है। सरकार ने इस बजट में ई-कैटरिंग, ई-टिकटिंग जैसी सुविधाओं का ध्यान रखा है। वहीं स्वच्छता के लिए स्वच्छ रेल अभियान की शुरुआत करने की घोषणा की है। यात्री सुरक्षा के लिए क्8ख् व यात्री समस्या के लिए क्फ्8 टोल फ्री नंबर और महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला बोगियों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का डिसीजन यह साबित करता है कि सुविधा, स्वच्छता व सुरक्षा के प्रति रेलवे गंभीर है।
डॉ। सत्येंद्र सिन्हा, बीजेपी प्रवक्ता
इंटरनेशनल मार्केट में तेल के दाम घट गए हैं। इसके बाद भी केंद्र सरकार ने रेल किराये में कोई कटौती नहीं की। भाजपा ने चुनाव में पब्लिक को लोक लुभावन वादे, झूठे सब्जबाग दिखाकर छलने का काम किया। रेल बजट में पहली बार ऐसा हुआ जब कोई नई ट्रेन नहीं चलाई गई।
काली शंकर, प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी
रेल बजट हमारे लिए फायदेमंद नहीं रहा। कोई ट्रेन नहीं मिली। न ही राजधानी चल सकी। किराया न बढ़ाने के फैसले भर से पब्लिक की उम्मीदें नहीं पूरी होगी। गोरखपुर को ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे यहां के लोग खुश हो सकें।
अजय कुमार मिश्रा, प्रदेश महासचिव, युवा कांग्रेस