- गोरखपुर जंक्शन पर लगने के लिए आई 120 स्टील बेंचेज

- आई नेक्स्ट ने 26 फरवरी के इशु में पब्लिश हुई थी 'बैठना मना है'

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : व‌र्ल्ड के लांगेस्ट प्लेटफॉर्म पर पैसेंजर्स को बैठने के लिए अब अपने सामान को कुर्सी की तरह इस्तेमाल नहीं करना होगा। आई नेक्स्ट की खबर के बाद रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने इस ओर ध्यान देते हुए पैसेंजर्स की बेसिक फैसिलिटी पर जोर देना शुरू कर दिया है। इसके तहत अब गोरखपुर जंक्शन पर पैसेंजर्स के बैठने के लिए 120 स्टील बेंचेज लगाने के लिए स्टेशन पर आ गई हैं। वहीं चबूतरों को भी ठीक किया जा रहा है। यह बेंचेज सभी प्लेटफॉर्म पर लगाई जाएंगी।

हर घंटे हजार पैसेंजर्स को मिलेगी राहत

रेलवे के इस कदम से हर घंटे ऑन एन एवरेज करीब 1 हजार पैसेंजर्स को राहत मिलेगी। एक स्टील बेंच पर 4 पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते हैं और करीब एक घंटे में 8 पैसेंजर्स इसका यूज करते हैं। इस तरह करीब 960 पैसेंजर्स एक घंटे में बेंच का इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं चबूतरे ठीक हो जाने के बाद कई और पैसेंजर्स के बैठने की व्यवस्था हो जाएगी।

आई नेक्स्ट ने किया था प्लेटफॉर्म का स्कैन

26 फरवरी को आई नेक्स्ट ने गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 से 9 तक का स्कैन किया था। इस दौरान यह बात सामने आई थी कि गोरखपुर जंक्शन यूटीएस, पीआरएस और एमएसटी और जेटीबीएस के आंकड़ों के हिसाब से करीब 70 से 75 हजार पैसेंजर्स टिकट परचेज करते हैं। वहीं इन्हें छोड़ने और किसी को रिसीव करने के लिए आने वाले लोगों को काउंट कर यह आंकड़ा डेली 1 लाख के पार पहुंच जाता है। बैठने की व्यवस्था की बात करें तो एक और दो को छोड़कर यहां पर 7 प्लेटफॉर्म पर 176 बेंच व चबूतरे हैं, जिनपर एक बार में करीब 700-800 लोगों के लिए बैठने का स्पेस मौजूद है। अगर एक बेंच पर एक आदमी ऑन एन एवरेज 30 मिनट बैठता है, तो 176 बेंचेज पर एक घंटे में 1400-1600 लोग और 24 घंटे में 33600-38400 लोग बैठेने की व्यवस्था है। इसमें ट्रेन में भीड़ के अकॉर्डिग डाटा थोड़ा वैरी कर सकता है।

पैसेंजर्स एमिनिटीज को बढ़ाने पर रेलवे का फोकस है। इसके लिए 120 बेंचेज लगाई जा रही हैं। वहीं कुछ चबूतरों को सही कराकर लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे